जबलपुर, 8 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । मध्यप्रदेश में हुए नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता में फर्जीवाड़े का मामला पिछले 2 सालों से हाईकोर्ट में चल रहा है। इसमे हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई जांच भी चल रही है और सैकड़ों की संख्या में नर्सिंग कॉलेज अनफिट पाए गए हैं। सरकार के द्वारा पिछले तीन सालों में खोले गए 700 से ज्यादा नर्सिंग कॉलेजों में से आधे से ज्यादा नर्सिंग कॉलेज मापदंडों पर खरे नहीं उतर रहे हैं।
नर्सिंग काउंसिल की कमान संभालने वाली दो भूतपूर्व रजिस्ट्रार चन्द्रकला दिवगैया और सुनीता सिजु के ऊपर कार्रवाई की गई है। उसके बाद काउंसिल में रजिस्ट्रार नियुक्त की गई स्टेला पीटर को दागी होने के चलते याचिकाकर्ता की कोर्ट में आपत्ति के बाद 2 दिन में हटाना पड़ा था, तब से ही हाईकोर्ट के आदेश पर प्रशासक ही नर्सिंग काउंसिल का काम संभाल रहे थे, लेकिन पिछले दिनों नर्सिंग काउंसिल में प्रतिनियुक्ति पर नई रजिस्ट्रार अनीता चाँद की नियुक्ति की गई है जिसे लेकर याचिकाकर्ता ने फिर आपत्ति जताई है ।
नर्सिंग काउंसिल के नियमों के हिसाब से रजिस्ट्रार के पद पर उसे ही प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ किया जा सकता है जिसने शासकीय महाविद्यालय में आचार्य के पद पर 7 वर्ष से अधिक समय सेवाएँ दी हों। अनीता चाँद जिनका मूल पद नर्सिंग ट्यूटर है और शासकीय नर्सिंग स्कूल छिंदवाड़ा में कार्यरत हैं तथा पिछले सालों में नर्सिंग काउंसिल में मान्यता प्रक्रिया में इंस्पेक्टर के रूप में सम्मिलित रही है ।
वर्तमान रजिस्ट्रार द्वारा भोपाल के आर.के.एस. नर्सिंग कॉलेज को सत्र 2021-22 की मान्यता प्रक्रिया में भौतिक निरीक्षण रिपोर्ट में सूटेबल बताया गया था जबकि वास्तव में आर.के.एस. नर्सिंग कॉलेज की बिल्डिंग मात्र 5000 वर्ग फिट की है जिसे अनीता चाँद द्वारा इंस्पेक्शन रिपोर्ट में 20 हज़ार वर्ग फिट बताते हुए सूटेबल दर्शाया गया था, जब हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता विशाल बघेल द्वारा उक्त कॉलेज का खुलासा किया गया तो कोर्ट के निर्देश पर दूसरी जाँच टीम भेजे जाने पर सच्चाई का खुलासा हुआ था और कॉलेज अनसुटेबल पाया गया था, जिसके बाद कॉलेज की मान्यता समाप्त की गई थी इस मामले में दोषी इंस्पेक्टर पर कोई कार्यवाही भी आज तक नहीं की गई बल्कि उन्हें उपकृत करते हुए रजिस्ट्रार बना दिया गया ।
बिगत वर्षों में नर्सिंग कॉलेजों का फर्जीवाड़ा हाईकोर्ट से लेकर विधानसभा तक खूब जोरशोर से गूंजा है लेकिन नर्सिंग काउंसिल में शुद्धिकरण की जगह दागियों को फिर से रजिस्ट्रार बनाने और नई मान्यता प्रक्रिया में शामिल करने से पिछले 3 सालों से चल रही शुद्धीकरण की क़वायद को झटका लगा है ।
आरोप है कि दोषियों के विरुद्ध एफ़.आई.आर करने के स्थान पर उन्हें रजिस्ट्रार बनाया जा रहा है। नर्सिंग काउंसिल में एजेंट और आउटसोर्स कर्मियों द्वारा फर्जी कॉलेजों संचालकों से मिलकर जम कर फ़र्जीवाडा किया जा रहा है। याचिकाकर्ता ने उप-मुख्यमंत्री को इस मामले से अवगत कराया है और हाईकोर्ट में भी आवेदन पेश किया जा रहा है।
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(Udaipur Kiran) / विलोक पाठक