— चाइल्ड लाइन की गतिविधियां हुईं कमजोर, शासन को लिखा पत्र
कानपुर, 07 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । कानपुर उत्तर प्रदेश का बड़ा शहर है और यहां लोगों का आवागमन भी अधिक है। ऐसे में रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों में बच्चों के खोने का भी खतरा रहता है। हालांकि पुलिस इस पर अपना बखूबी काम करती है, लेकिन चाइल्ड लाइन की गतिविधियां कमजोर हो गईं हैं, जो ठीक नहीं है। इसको लेकर हम लोगों ने शासन को पत्र लिखा है, ताकि उसी तरह से दोबारा यह संस्थाएं काम करने लगें और बाल तस्करी करने वाले गिरोहों पर लगाम लगाई जा सके। बाल तस्करी समाज के लिए अभिशाप है।
यह बातें सोमवार को मीडिया से मुखातिब होते हुए चाइल्ड वेलफेयर सोसाइटी (सीडब्लूसी) मजिस्ट्रेट देवेंद्र प्रताप सिंह ने कही। उन्हाेंने कहा जिस उम्र में बच्चे पढ़ लिख कर देश के जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए तैयार होते है वहां कुछ गलत गिरोह द्वारा उनसे बाल श्रम और अपराध कराये जाते है जो बच्चों का पूरा भविष्य बर्बाद कर रहे हैं। ऐसे गिरोह पर निगाह रखते हुए निरंतर ट्रेनों की चेकिंग के निर्देश आरपीएफ व जीआरपी को दिए गए हैं।
आगामी त्योहारों के मद्देनजर सोमवार को कानपुर सेन्ट्रल स्टेशन पहुंचे चाइल्ड वेलफेयर सोसाइटी मजिस्ट्रेट देवेंद्र प्रताप सिंह ने स्टेशन परिसर और प्लेटफार्म पर लावारिस बच्चों के देख-रेख को लेकर जीआरपी व आरपीएफ पुलिस के साथ निरीक्षण किया। उन्होंने पुलिस से कहा कि स्टेशन परिसर में लावारिश या भटकता हुआ कोई भी बच्चा दिखे उसे फौरन अपने कब्जे में लें, ताकि उसके साथ किसी प्रकार की अनहोनी न हो सके। वह डरे नहीं और उसके परिजनों से मिलाने का प्रयास करें। इसके साथ ही चाइल्ड लाइन को भी तत्काल सूचित करें जिससे बच्चे की देख-रेख बेहतर हो सके। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि चाइल्ड लाइन की कंट्रोलिंग पहले ज्यादा थी, अब हाल ही में इसमें कमी आई है। हम लोगों ने इसके लिए शासन में लिखित में पत्र भेजा है। हम उम्मीद करते हैं कि जिस तरीके से पहले संस्थाएं काम कर रही थी उसी तरीके से दोबारा संस्थाएं काम करें। चाइल्ड लाइन की वर्किंग में सबके लिए हेल्प थी और हमारे लिए भी हेल्प थी। जो बच्चे पहले घूमते फिरते थे उनसे पूछताछ करते थे और उनके परिजनों को सूचना करते थे। हम लोगों ने शासन को लिखित में पत्र भेजा है जल्द ही प्राइवेट संस्थाएं स्टेशन में दोबारा सक्रिय हो जाएंगी।
–दुकानदारों को बालश्रम न कराने की दी हिदायत
उन्होंने स्टेशन पहुंचकर आरपीएफ और जीआरपी फोर्स तथा स्टेशन अधीक्षक के साथ स्टेशन परिसर का बारीकी से निरीक्षण के साथ ही जीआरपी और आरपीएफ थानों का जीडी रजिस्टर चेक किया और लॉकअप को भी देखा तो वहां पर कोई नाबालिग न मिलने पर संतोष दिखा। उन्होंने अधिकारियों के साथ प्लेटफॉर्म के वेटिंग एरिया का भी निरीक्षण किया। वहां उपस्थित नाबालिग बच्चों से उनके माता पिता की जानकारी ली और उन्हे समझाया गया। स्टेशन परिसर के प्लेटफॉर्म पर दुकानों और कैंटीन की जांच की गई तो वहा हड़कम्प मच गया। देवेंद्र प्रताप सिंह ने दुकानदारों को बालश्रम न कराने की हिदायत दी और उन्हे नाबालिग से श्रम कराने पर कानूनी कार्यवाही से अवगत कराया। स्टेशन के पार्सल ऑफिस का भी निरीक्षण किया।
देवेंद्र प्रताप सिंह ने आरपीएफ प्रभारी और जीआरपी प्रभारी से आगामी दशहरा और दीपावली पर यात्रियों के बड़ी संख्या में आवागमन में बच्चों के गायब होने की सम्भावना को ध्यान मे रखते हुए उनकी तैयारी की जानकारी ली और उचित दिशा निर्देश दिए। उन्होंने त्योहार पर वॉलंटियर्स को भी वहां लगाने की सलाह दी। इस दौरान जीआरपी इंस्पेक्टर ओम नारायण सिंह, आरपीएफ इंस्पेक्टर बुद्ध पाल सिंह, सीआईबी इंस्पेक्टर अजीत तिवारी, स्टेशन अधीक्षक और आरपीएफ सब इंस्पेक्टर अमित द्विवेदी आदि मौजूद रहे।
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(Udaipur Kiran) / अजय सिंह