Uttar Pradesh

झांसी रेल मंडल में डीजल उपयोग में आई 30.36 प्रतिशत की कमी

-पर्यावरण संरक्षण के पथ पर अग्रसर झांसी मंडल

– मंडल में सितम्बर माह तक डीजल की कम खपत से 4.64 करोड़ रुपये के राजस्व की हुई बचत

झांसी, 07 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । झाँसी रेल मंडल द्वारा हरित उर्जा के उपयोग को लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है। इससे कार्बन के उत्सर्जन में प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से कमी आ रही है। इसके साथ ही हरित ऊर्जा के माध्यम से राजस्व की बचत की जा रही हैI मंडल द्वारा वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 में अप्रैल से सितम्बर तक डीजल की कम खपत से 4.64 करोड़ रुपये के राजस्व की बचत की जा चुकी है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के सितम्बर तक हाई स्पीड डीजल खपत में कमी से रु. 88.15 लाख के रेल राजस्व की बचत की गयी है।

वित्तीय वर्ष 2024-25 के माह सितम्बर में 422 किलोलीटर हाई स्पीड डीजल का उपयोग हुआ जबकि वित्तीय वर्ष 2023-24 में इसी अवधि के दौरान 606 किलोलीटर हाई स्पीड डीजल का उपयोग हुआ था। इस प्रकार पिछले वित्तीय वर्ष (2023-24) के सितम्बर माह की तुलना में, वर्तमान वित्तीय वर्ष(2024-25) के अगस्त माह में हाई स्पीड डीजल खपत में 30.36 प्रतिशत की कमी आई है।

यह बचत डीजल के स्थान पर बिजली के अधिकतम उपयोग से संभव हो सकी है । डीजल की खपत में आई कमीं के साथ ही तकनीक का उपयोग एवं उचित प्रबंधन से डीजल इस्तेमाल में कमी आई है । डीजल की खपत में कमी के चलते कार्बन उत्सर्जन में भी गिरावट आती है, जो की पर्यावरण को हरित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है तथा ग्लोबल वार्मिंग की रोकथाम हेतु सहायक है I

झाँसी रेल मंडल हरित तथा सौर उर्जा को भी बढ़ावा देने का कार्य भी कर रहा हैI झाँसी मंडल में विभिन्न स्थानों पर सौर उर्जा प्लेट लगाये गए हैं। वित्तीय वर्ष 2024-25 के अगस्त माह में कुल 44,428 यूनिट का उत्पादन किया गया है। इससे अगस्त माह में बिजली खर्च पर आने वाले 1.41 लाख रुपये की बचत हुई I वित्तीय वर्ष 2024-25 में अगस्त माह तक कुल 8.82 लाख रुपये की बचत की गई है।

इसी प्रकार झाँसी मंडल द्वारा वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 के सितम्बर माह में आधुनिक तकनीक के थ्री फेज़ लोकोमोटिव (रेल इंजन) के उपयोग से 53,36,012 यूनिट बिजली की बचत की गई जिससे लगभग 2.98 करोड़ रुपये के रेल राजस्व की बचत की गयी है। 3 फेज इंजन होने की वजह से इसमें रि-जनरेटिव ब्रेकिंग भी होता है जिसकी वजह से ब्रेकिंग में लगने वाली उर्जा एकत्रित होकर पुनः इंजन को प्राप्त हो जाती है तथा ऊर्जा की बचत होती है।

मंडल रेल प्रबंधक दीपक कुमार सिन्हा ने कहा कि झाँसी रेल मंडल सतत विकास के पथ पर लगातार अग्रसर है। सतत विकास के सिद्धांतों का अनुपालन करते हुए एक तरफ जहाँ हम हाई स्पीड डीजल के उपयोग में कमी ला रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ सौर उर्जा से बिजली उत्पादन करने का कार्य भी कर रहे हैं। आने वाले दिनों में हम इस क्षेत्र में और अधिक तत्परता से कार्य करेंगे।

(Udaipur Kiran) / महेश पटैरिया

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