मीरजापुर, 07 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । थाई मांगुर मछली के पालन व इसके मत्स्य बीज के उत्पादन व वितरण, तालाबों में संचय, उसके अत्यधिक मांसाहारी प्रवृत्ति के कारण स्थानीय जलीय जीव-जंतु और मछलियों के अस्तित्व को खतरा है। इसके चलते जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने पूर्ण रूप से प्रतिबंधित कर दिया है।
थाई मांगुर की मछलियों के पालन, मत्स्य बीज उत्पादन, संवर्धन, विक्रय, आयात-निर्यात, ट्रांसपोर्टेशन को रूप से प्रतिबंधित किया है। इस प्रजाति की मछलियों और मत्स्य बीज के स्टाक को तत्काल नष्ट करने का निर्देश दिया है। एसडीएम, सहायक निदेशक मत्स्य, अभिहीत अधिकारी खाद्य सुरक्षा, और संबंधित थानाध्यक्ष द्वारा नामित उपनिरीक्षक को टास्क फोर्स में शामिल किया गया है।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी मत्स्य पूरनलाल ने बताया कि संबंधित की सूचना मिलने पर टास्क फोर्स के द्वारा तालाब, हैचरियों तथा मछली मंडी में जाकर नष्ट किया जाएगा। इसमें आने वाला खर्च व्यक्ति, समिति, फर्म से भू-राजस्व की भांति वसूल किया जाएगा। साथ ही भारतीय दंड संहिता की धारा 270 के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत जुर्माना अथवा दो वर्ष की कारावास अथवा दोनों सजा हो सकती है।
(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा