जगदलपुर, 7 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । बस्तर दशहरा और दान उत्सव के माध्यम से बस्तर जिला प्रशासन ने आग्रह किया है कि एक ऐसे अभियान में शामिल हों जो 1 लाख 50 हजार बच्चों के जीवन को बदल सकता है। जिला प्रशासन ने बताया कि हम प्रथम बुक्स के साथ डोनेट अ बुक प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से “पढ़ेसे बस्तर पुस्तक दान अभियान का शुभारंभ कर रहे हैं। इस अभियान का उद्देश्य बस्तर के प्राथमिक स्कूलों में 1 लाख पुस्तकों का वितरण और 10 कक्षा पुस्तकालयों की स्थापना करना है, जिससे बच्चों में पढ़ने की रुचि जागृत हो और वे शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति कर सकें।
दान उत्सव क्या है? दान उत्सव, जिसे जॉय ऑफ गिविंग वीक के रूप में भी जाना जाता है, हर साल अक्टूबर में मनाया जाने वाला एक वार्षिक त्योहार है। जिसका उद्देश्य दान और सामुदायिक सेवा को बढ़ावा देना है। यह उत्सव लोगों को एकजुट करने, सामाजिक जिम्मेदारी की भावना को जागृत करने और जरूरतमंदों की मदद करने के लिए प्रोत्साहित करता है। दान उत्सव के दौरान, लोग विभिन्न प्रकार की सामुदायिक गतिविधियों में भाग लेते हैं, जैसे कि खाद्य सामग्री, कपड़े और अन्य जरूरत की चीजों का दान करना, जिससे समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में योगदान दिया जा सके।
पढ़ने से जीवनभर की सीखने की संभावनाएं“लर्निंग टू रीड; रीडिंग टू लर्न” अर्थ पढ़ाई के लिए पढ़ने की क्षमता विकसित करना, सिर्फ एक वाक्यांश नहीं है—यह एक कुंजी है जो असंख्य अवसरों के द्वार खोलती है। बस्तर के बच्चों के लिए, किताबों और पढ़ाई से समृद्ध माहौल तक पहुंच का मतलब स्कूल में संघर्ष और जीवन में सफल होने के बीच का अंतर हो सकता है। जब एक बच्चा पहली बार पढ़ना सीखता है, तो वह अपने चारों ओर की दुनिया को समझने लगता है। लेकिन इससे आगे, किताबें जिज्ञासा को बढ़ाती हैं, कल्पना को प्रोत्साहित करती हैं और आजीवन सीखने की नींव रखने वाले मौलिक सोचने के कौशल का विकास करती हैं। रंगीन, आकर्षक कहानियों वाली किताबें बच्चों को पढ़ने के प्रति प्रेम विकसित करने में मदद करती हैं। आदत जो उन्हें सभी विषयों में भाषा, गणित, सामाजिक और पर्यावरणीय अध्ययन में बेहतर प्रदर्शन करने में मदद करती है।
जो बच्चे अच्छी तरह से पढ़ते हैं, वे स्कूल के अन्य पाठों को अधिक आसानी से समझ पाते हैं और वे नए अवसरों का सामना करने में आत्मविश्वास महसूस करते हैं। बस्तर जैसे क्षेत्र में, जहां संसाधनों की कमी रही है, किताबें बच्चों को सपने देखने, विकसित होने और संभावनाओं से भरी दुनिया में कदम रखने का मौका देती हैं। हालांकि, यह महत्वाकांक्षी लक्ष्य—पढ़ाई के माध्यम से जीवन को बदलना—तभी पूरा हो सकता है जब सभी मिलकर काम करें। हमें इन बच्चों तक पहुंचने के लिए पूरे देश और दुनिया भर के लोगों के समर्थन की जरूरत है। आप इस परिवर्तन का हिस्सा बन सकते हैं, और यह सिर्फ एक किताब से शुरू होता है।
जिला प्रशासन ने आग्रह किया है कि इस अभियान के माध्यम से जुटाए गए धन का उपयोग प्रथम बुक्स से किताबें खरीदने और उन्हें बस्तर के प्राथमिक स्कूलों में वितरित करने के लिए किया जाएगा। ये किताबें कक्षाओं में न केवल संसाधनों को समृद्ध करेंगी बल्कि इन्हें सामुदायिक पढ़ने के कार्यक्रमों और स्थानीय पुस्तकालयों में भी शामिल किया जाएगा, ताकि बच्चों को स्कूल के बाहर भी संसाधनों तक पहुंच हो सके। हम स्वयं सहायता समूहों को भी शामिल करेंगे, ताकि स्वयं सहायता सदस्य पढ़ने के सत्रों का नेतृत्व कर सकें और समुदाय के लोग इस यात्रा का हिस्सा बन सकें। बाल सभाओं के माध्यम से हम इस पहल को बस्तर के हर कोने तक पहुंचाएंगे।
(Udaipur Kiran) / राकेश पांडे