– सरकार ने चालू वर्ष में 10 लाख एसएचसी तैयार करने का रखा लक्ष्य
– धान को खरीद केंद्रों तक लाने के लिए सरकार देगी सब्सिडी: मुख्यमंत्री
गुवाहाटी, 07 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । राज्य में कृषि के विकास को नई गति देते हुए मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने आज राज्य भर के किसानों को मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड (एसएचसी) के वितरण का शुभारंभ किया। उन्होंने आज यहां श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र में आयोजित एक कार्यक्रम में कृषि मशीनरी वितरित करने और कृषि ज्ञान केंद्रों के उद्घाटन की प्रक्रिया भी शुरू की।
इस अवसर अपने संबोधन में मुख्यमंत्री डॉ. सरमा ने इस दिन को बहुत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि किसानों के सशक्तिकरण की आवश्यकता को देखते हुए राज्य सरकार ने मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड वितरित करने की प्रक्रिया शुरू की है। साथ ही, मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड के वितरण का विस्तार करने से लेकर किसानों को प्रोत्साहन प्रदान करने तक, सरकार राज्य के किसानों के सर्वांगीण कल्याण के लिए काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2015 में मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड जारी करने में देश का नेतृत्व किया था। उन्हें प्रेरणा के रूप में लेते हुए, असम सरकार ने राज्य में 10 लाख एसएचसी जारी करने का लक्ष्य रखा है। चार लाख एसएचसी इसी बीच तैयार हो चुके हैं।
उन्होंने कहा कि कृषि मिट्टी की उपयुक्तता की जांच करने के लिए राज्य में प्रयोगशालाओं की संख्या 5 से बढ़ाकर 22 कर दी गई है। यह कहते हुए कि केंद्र सरकार ने विशेष रूप से कृषि मशीनीकरण में राज्य सरकार की पहल को स्वीकार किया है।
मुख्यमंत्री डॉ. सरमा ने कहा कि उनकी सरकार ने राज्य भर में 816 ग्राम स्तरीय कृषि मशीनरी बैंक स्थापित करने के लिए भी कदम उठाए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इन कृषि मशीनरी बैंकों की स्थापना के लिए केंद्र ने 95 प्रतिशत सब्सिडी दी है। उन्होंने कि 96 कृषि ज्ञान बैंकों के साथ-साथ राज्य भर में कृषि विकास अधिकारी के 93 कार्यालयों का उद्घाटन करने के लिए एपार्ट योजना के तहत कदम उठाए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि न्यूनतम् समर्थन मूल्य पर धान खरीदने के सरकार के फैसले से कृषि क्षेत्र में आशावाद पैदा हुआ है। उन्होंने कहा कि कभी-कभी चूंकि धान खरीद केंद्र गांवों से दूर होते हैं, इसलिए किसानों को धान लाने में अतिरिक्त वित्तीय बोझ का सामना करना पड़ता है। इसलिए मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि सरकार किसानों को खरीद केंद्रों तक धान लाने के लिए हर क्विंटल के हिसाब से सब्सिडी देगी। इससे किसानों की परिवहन लागत को कम करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इथेनॉल उद्योग के लिए मक्का और गेहूं की आवश्यकता काफी बढ़ गई है। इसके अलावा, राज्य सरकार ऑयल इंडिया लिमिटेड और रिलायंस के साथ मिलकर राज्य में जैव ईंधन का उत्पादन करने की प्रक्रिया में है।
मुख्यमंत्री डॉ. सरमा ने राज्य में कृषि के पुनरुद्धार के लिए कृषि मंत्री अतुल बोरा को भी धन्यवाद दिया, जो उनके अनुसार आत्मनिर्भर असम के लक्ष्य में योगदान दे रहा है। उन्होंने इस अवसर पर राज्य के किसानों के प्रति भी आभार व्यक्त किया कि वे आत्मनिर्भर असम के सूत्रधार हैं।
इस अवसर पर कृषि मंत्री अतुल बोरा, मुख्य सचिव डॉ. रवि कोटा, असम बीज निगम के अध्यक्ष प्रबीन हजारिका, प्रमुख सचिव राजस्व जीडी त्रिपाठी और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश