नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । केंद्रीय जांच ब्यूराे ( सीबीआई) ने पटना के नीट पेपर लीक मामले में 5500 से अधिक पृष्ठों का तीसरा आरोप पत्र दाखिल किया है। यह आरोप पत्र 2 1 आरोपितों के खिलाफ पटना के विशेष न्यायाधीश न्यायालय के समक्ष दाखिल किया गया। इसके पहले अब तक 40 आरोपिताें के खिलाफ तीन आरोप पत्र दाखिल किए जा चुके हैं। अन्य आरोपिताें के खिलाफ आगे की जांच जारी है। इस आरोप पत्र में सीबीआई ने 298 गवाहों, 290 दस्तावेजों और 45 भौतिक वस्तुओं का हवाला दिया है। सीबीआई ने सोमवार को यह जानकारी दी।
सीबीआई ने जिन आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है, उनमें राज कुमार सिंह उर्फ राजू सिंह, सुरेंद्र कुमार शर्मा उर्फ मोल, राकेश रंजन उर्फ रॉकी, शशिकांत पासवान उर्फ शशि उर्फ पासू, अभिनास कुमार उर्फ बंटी, करण जैन, कुमार शानू, राहुल आनंद, चंदन सिंह, सुरभि कुमारी, दीपेंद्र शर्मा, कुमार मंगलम विश्नोई, रौनक राज, संदीप कुमार, अमित कुमार, संजय कुमार, रंजीत कुमार बेउरा उर्फ पिंटू, अमित प्रसाद महराना उर्फ मुन्नू, धीरेन कुमार पांडा, सुशांत मोहंती और पंकज कुमार हैं।
सीबीआई के मुताबिक जांच में पता चला कि नीट यूजी 2024 का प्रश्न पत्र 5 मई 2024 की सुबह हजारीबाग के ओएसआईएस स्कूल के नियंत्रण कक्ष से लीक हुआ था। जहां आरोपित पंकज कुमार को प्रिंसिपल अहसानुल हक और वाइस प्रिंसिपल इम्तियाज आलम ने साजिश के तहत कंट्रोल रूम में घुसने की इजाजत दी थी। पंकज कुमार ने प्रश्नपत्रों वाले ट्रंक के कब्जे से छेड़छाड़ की और उसमें से एक प्रश्नपत्र लिया, उसके सभी पन्नों की फोटो खींची, पेपर वापस रखा और ट्रंक को फिर से सील करने के बाद कंट्रोल रूम से बाहर निकल गया। पंकज ने ट्रंक को खोलने और सील करने के लिए एक अत्याधुनिक टूल किट का इस्तेमाल किया। इस टूल किट को सीबीआई ने पंकज कुमार के घर से जब्त किया था।
सीबीआई को जांच में पता चला कि स्कूल परिसर से बाहर निकलने के बाद पंकज कुमार ने प्रश्न-पत्र की तस्वीरें अपने साथी सुरेंद्र कुमार शर्मा को सौंप दीं, जो राज गेस्ट हाउस, हजारीबाग में मौजूद था। इसी राज गेस्ट हाउस में आरोपित ने लीक किए गए प्रश्न-पत्र छापे थे। इसके बाद सॉल्वर समूह के करण जैन, कुमार शानू, राहुल आनंद, चंदन सिंह, सुरभि कुमारी, दीपेंद्र शर्मा, रौनक राज, संदीप कुमार और अमित कुमार की भी भूमिका उभरकर आई।
सीबीआई के मुताबिक ये सभी सॉल्वर एमबीबीएस के छात्र हैं, जिन्होंने पिछले साल मेरिट में सीटें हासिल की थीं। इन सभी की पहचान कर गिरफ्तार कर लिया गया है। इन सॉल्वरों ने मिलकर पेपर हल किया। सबसे पहले बॉटनी-जूलॉजी फिर केमिस्ट्री और आखिर में फिजिक्स के सवाल हल किए गए। हल किए गए प्रश्नपत्रों को राज गेस्ट हाउस, हजारीबाग में मौजूद अभ्यर्थियों को वितरित किया गया। इसके अलावा हल किए गए प्रश्नपत्र को स्कैन करके डिजिटल रूप से पूर्व-निर्धारित स्थानों पर भेजा जाता था।
सीबीआई की जांच में यह भी पता चला है कि गिरोह के सदस्यों ने हल किए गए नीट यूजी 2024 पेपर की प्रतियां प्रिंट कीं और उन्हें उन चयनित उम्मीदवारों को वितरित किया, जो उन स्थानों पर शारीरिक रूप से मौजूद थे। परीक्षा केंद्र पर केवल उन उम्मीदवारों को ही इन स्थानों पर प्रवेश करने की अनुमति दी गई, जिन्होंने पहले से पैसे का भुगतान किया था। प्रवेश करने से पहले प्रतियां वापस लेकर नष्ट कर दी गईं । पटना के लर्न प्ले स्कूल से जब्त किए गए आधे जले क्यू-पेपर के टुकड़ों से सीबीआई को क्यू-पेपर पर छपे सीरियल कोड के आधार पर हजारीबाग के ओएसिस स्कूल तक पहुंचने में मदद मिली थी।
सीबीआई ने इन स्थानों पर मौजूद 144 अभ्यर्थियों की भी पहचान कर ली है, जो इस पेपर लीक के लाभार्थी थे और उनके खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई शुरू की जा रही है। इस मामले में मुख्य आरोपितों द्वारा इस्तेमाल किए गए 21 मोबाइल फोन भी सीबीआई द्वारा गोताखोरों की मदद से विभिन्न जलाशयों से बरामद किए गए हैं। इस मामले में अब तक 49 आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें मुख्य साजिशकर्ता और सॉल्वर भी शामिल हैं।
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(Udaipur Kiran) / बिरंचि सिंह