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सीबीडीटी ने आयकर कानून की समीक्षा के लिए समिति गठित कर लोगों से मांगे सुझाव

वित मंत्रालय के लोगो का प्रतिकात्‍मक चित्र

नई दिल्‍ली, 07 अक्‍टूबर (Udaipur Kiran) । केंद्रीय प्रत्‍यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने सोमवार को छह दशक पुराने आयकर अधिनियम की व्‍यापक समीक्षा करने के लिए आंतरिक समिति गठित की है। सीबीडीटी ने इसके लिए आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल पर हितधारकों, विशेषज्ञों और लोगों से सुझाव आमंत्रित किए हैं। यह सुझाव आयकर कानून की भाषा को सरल बनाने, कानूनी विवाद और अनुपालन में कमी तथा पुराने पड़ चुके प्रावधानों को लेकर आमंत्रित किए गए हैं।

वित्‍त मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण के केंद्रीय बजट 2024-25 में की गई घोषणा के अनुसरण में सीबीडीटी ने आयकर अधिनियम, 1961 की व्यापक समीक्षा की निगरानी करने के लिए एक आंतरिक समिति का गठन किया है। इसका लक्ष्य अधिनियम को संक्षिप्त, स्पष्ट और समझने में आसान बनाना है, जिससे विवाद, मुकदमेबाजी कम होगी और करदाताओं को अधिक कर निश्चितता मिलेगी।

सीबीडीटी की ओर से गठित इस समिति ने चार श्रेणियों में जनता से सार्वजनिक टिप्प्णियां और सुझाव आमंत्रित किए हैं। ये श्रेणियां हैं…भाषा का सरलीकरण, कानूनी विवाद और अनुपालन में कमी तथा अनावश्यक या पुराने पड़ चुके प्रावधान। इसके लिए आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल पर एक वेबपेज शुरू किया गया है। लोग अपना मोबाइल नंबर दर्ज कर और ओटीपी के माध्यम से इसपर जा सकते हैं। इस वेबपेज पर आप इस लिंक के https://eportal.incometax.gov.in/iec/foservices/#/pre-login/ita-comprehensive-review के जरिए जाकर अपना सुझाव दे सकते हैं, जो ई-फाइलिंग पोर्टल में 06 अक्‍टूबर, 2024 से सुलभ है। लिंक पर हितधारक, विशेषज्ञ और जनता अपना नाम और मोबाइल नंबर दर्ज करके पेज तक पहुंच सकते हैं। इसके बाद ओटीपी के माध्यम से सत्यापन किया जाएगा।

उल्‍लेखनीय है कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जुलाई में वित्‍त वर्ष 2024-25 के लिए पेश केंद्रीय बजट में आईटी कानून की समीक्षा छह महीने में पूरा करने का प्रस्ताव किया था। इस छह महीने की समय-सीमा जनवरी, 2025 में समाप्त हो रही है। ऐसे में संशोधित आयकर अधिनियम के संसद के बजट सत्र में लाए जाने की उम्मीद है।

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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर

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