जयपुर, 7 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा-2021 को रद्द करने या नहीं करने को लेकर बनी मंत्रियों की कमेटी ने इसमें भारी गड़बड़ी मानी है। बैठक में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप( एसओजी) एडीजी वीके सिंह ने अब तक हुई गिरफ्तारियों और गड़बड़ी के सबूतों पर प्रेजेंटेशन दिया। फिलहाल कमेटी एसओजी से मिली रिपोर्ट पर विचार कर रही है। सोमवार को हुई पहली बैठक में कमेटी ने कोई फैसला नहीं किया। अब अगली बैठक 10 अक्टूबर को होगी।
बैठक के बाद पत्रकाराें से बातचीत में कैबिनेट सब कमेटी के संयोजक और कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि हमारे सामने रिपोर्ट रखी गई। हमारे लिए भी यह नई चीज थी। आगामी बैठक में पूरा विवरण सामने आएगा। अगले सप्ताह तक गुड न्यूज मिलेगी। जांच में अनेक तथ्य सामने आए हैं। इनकी हमें जानकारी नहीं थी। इस संबंध में कई व्यू भी सामने आए की परीक्षा रद्द होनी चाहिए या नहीं होनी चाहिए। सब तरीके से अध्ययन करके रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपेंगे। पटेल ने बताया कि अब तक 100 से ज्यादा गिरफ्तारी हुई। कई और लोग भी रडार पर है। पूरी जिम्मेदारी से कह सकता हूं कि कांग्रेस के राज में जो कारनामे हुए हैं, वह सब जनता के सामने लेकर आएंगे। अभी छोटी-छोटी मछलियां पकड़ी हैं। आगे बड़े मगरमच्छ पकड़े जाएंगे। जल्द ही अच्छी खबर मिलेगी।
उन्हाेंने कहा कि कांग्रेस का कार्यकाल कलंकित करने वाला रहा है। राजस्थान में नकल माफिया का हावी होना, परीक्षाओं में डमी कैंडिडेट का बैठना, आरपीएससी के सदस्यों का लिप्त होना, योग्य उम्मीदवारों की मेहनत बेकार होना, इन सारी बातों को ध्यान में रखकर जनता से वादा कर सत्ता में आए थे। हमने वादा किया था एसआईटी गठित करेंगे। सरकार में आते ही एसआईटी गठित की। एसआईटी ने अच्छा काम किया है। कई मामलों का संकलन एसआईटी ने किया है।
सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा 2021 को रद्द करने या नहीं करने पर फैसले के लिए पिछले दिनों कानून मंत्री जोगाराम पटेल के संयोजन में छह मंत्रियों की कमेटी बनाई थी। कैबिनेट सब कमेटी में पटेल के साथ स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर, खाद्य मंत्री सुमित गोदारा, जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी, गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म और पीडब्ल्यूडी राज्य मंत्री डॉ मंजू बागमार को सदस्य बनाया गया था। किरोड़ी लाल मीणा ने भी पिछले दिनों मुख्यमंत्री के एसीएस से मिलकर एसआई भर्ती परीक्षा को रद्द करने की मांग की थी। कई अभ्यर्थी भी इस परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। कैबिनेट सब कमेटी को अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए कोई डेडलाइन फिक्स नहीं की है। कमेटी इस मुद्दे पर वक्त लगा सकती है। ऐसे में रणनीतिक तौर पर इस मुद्दे का समाधान होने तक रिपोर्ट पैंडिंग भी हो सकती है।
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(Udaipur Kiran) / रोहित