दक्षिण 24 परगना, 06 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । जयनगर में दुष्कर्म और हत्याकांड के बाद विरोध प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस द्वारा बल प्रयोग का आरोप लगा है। यह घटना उस समय सामने आई जब कांटापुकुर मुर्दाघर के सामने माकपा और भाजपा के कार्यकर्ताओं ने पीड़ित बच्ची के शव के पोस्टमार्टम के दौरान प्रदर्शन किया। आरोप है कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर हमला किया और कई लोगों की नाक तोड़ दी। इसके बाद रविवार को पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ ही दो एफआईआर दर्ज की है।
सूत्रों के अनुसार, शनिवार को जब पीड़ित बच्ची का शव पोस्टमार्टम के लिए मुर्दाघर लाया गया, तो माकपा और भाजपा के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। पुलिस ने रविवार को दो एफआईआर दर्ज की, जिसमें से एक साउथ पोर्ट थाने में और दूसरी बारुईपुर थाने के आईसी द्वारा दर्ज की गई है। इसमें माकपा नेता मीनाक्षी मुखर्जी, दिप्सिता धर और भाजपा नेताओं प्रियंका टिबरेवाल व अग्निमित्रा पाल के नाम शामिल हैं।
पुलिस ने पहले ही इस घटना में सौम्यजीत मल (24) और दीपांकर भंडारी (34) को गिरफ्तार कर लिया है। बताया गया है कि शनिवार शाम को प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि शव को सुरक्षित रखा जाए, लेकिन जब वे मुर्दाघर में घुसने की कोशिश करने लगे, तो पुलिस ने लात-घूसे मारकर उनकी नाक और चेहरे पर चोट पहुंचाई। इसके अलावा, कुछ पुलिसकर्मियों ने वामपंथी नेता दिप्सिता धर को बाल पकड़कर बाहर खींच लिया।
इस घटना पर भाजपा नेता प्रियंका टिबरेवाल ने कहा, हम इस मामले को कोर्ट लेकर जाएंगे। पुलिस को यह पता नहीं है कि मेरे पास मृत बच्ची के पिता की पावर ऑफ अटॉर्नी है। मैं उनकी वकील हूं, फिर भी मुझे मुर्दाघर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई। अब वे मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज कर रहे हैं, यह बेहद शर्मनाक है।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले नौ अगस्त को भी आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक पीड़ित डॉक्टर के शव को रोकने के दौरान माकपा नेताओं की पुलिस के साथ हाथापाई हुई थी। इस घटना को लेकर माकपा नेता दिप्सिता धर ने आरोप लगाया है कि पुलिस एक बार फिर ‘सबूत मिटाने’ की कोशिश कर रही है। उन्होंने पुलिस पर पिटाई का भी आरोप लगाया।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर