Uttrakhand

भंवर और खाकी में स्थितिप्रज्ञ पर हुई परिचर्चा

अपनी पुस्तक पर परिचर्चा करते सेवानिवृत्त डीजीपी अनिल रतूड़ी।

नैनीताल, 05 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । उत्तराखंड के पूर्व पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी की दो पुस्तकों, वर्ष 2022 में प्रकाशित ‘भंवर एक प्रेम कहानी’ और वर्ष 2024 में प्रकाशित संस्मरणात्मक कृति ‘खाकी में स्थितप्रज्ञ’ पर शनिवार को नैनीताल के डॉ.आरएस टोलिया उत्तराखंड प्रशासन अकादमी में परिचर्चा-संगोष्ठी आयोजित की गयी। इस दौरान श्री रतूड़ी के साथ ही अन्य वक्ताओं ने पुस्तकों के महत्वपूर्ण हिस्सों पर बात की। खासकर भंवर में निहित एक कविता की आखिरी पंक्तियों को उद्धृत किया गया कि ‘भंवर में तो सभी बह रहे हैं, धारा के विपरीत बहना ही जीवन है।’

अनिल रतूड़ी ने खाकी में स्थितप्रज्ञ पर कहा कि यह नपुंसकता और पौरुषत्व के बीच खड़े एक स्थितप्रज्ञ के रोचक अंदाज में कहे गये संस्मरण हैं। इस पुस्तक में श्री रतूड़ी के एक पुलिस अधिकारी के रूप में खासकर उत्तर प्रदेश में सेवा करते हुए राम जन्मभूमि आंदोलन और पंजाब से तराई तक फैले सिख आतंकवाद का विषय का जिक्र है। इस दौरान पीलीभीत से अमृतसर तक गन्ने के खेतों के बीच बने आतंकियों के सुरक्षित गलियारे, सैकड़ों पुलिस कर्मियों एवं आम लोगों की आतंकियों के द्वारा की गयी हत्या के बीच के कार्यकाल और खासकर इस स्थितियों को बताने की कोशिश की गई है। उस दौर में जब पुलिस में एसपी स्तर के अधिकारी होते हुए भी 3-4 हजार रुपये वेतन मिलता था, अपनी नवजात बच्ची के भविष्य के लिये स्वयं के साथ अपनी पत्नी, प्रदेश की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी का 1-1 लाख रुपये का बीमा करके आतंकियों के ‘ऑपरेशन गुडविल’ पर निकले थे। उस घटना का जिक्र भी किया कि इस दौरान जब एक खूंखार आतंकी ने उन्हें बचा लिया था। साथ ही कहा गया कि उत्तराखंड के लोग जितने हिंसा से दूर रहते हैं और शांत होते हैं, उतने ही बड़े योद्धा भी होते हैं। उनके भीतर की नैतिकता भी उन्हें एक अलग स्तर पर ले जाती है।

कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत, प्रशासन अकादमी के संयुक्त निदेशक प्रकाश चंद्रा, पुलिस उपाधीक्षक डॉ. जगदीश चंद्रा व हरबंश सिंह और इतिहासकार डॉ. अजय रावत सहित अन्य वक्ताओं ने भी चर्चा में भाग लिया। इस अवसर पर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, जिलाधिकारी वंदना सिंह, एसएसपी पीएन मीणा सहित बड़ी संख्या में पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी, अकादमी में प्रशिक्षण ले रहे प्रशिक्षु अधिकारी भी मौजूद रहे।

(Udaipur Kiran) / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी

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