कोलकाता, 05 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल के सुधार गृहों में दुर्गा पूजा के अवसर पर कैदियों के लिए मटन बिरयानी, बसंती पुलाव और कई अन्य बंगाली व्यंजन परोसे जाएंगे। यह जानकारी एक अधिकारी ने शनिवार को दी। इसका उद्देश्य कैदियों को त्योहार से जोड़ना और उनके दैनिक जीवन में बदलाव लाना है।
दुर्गा पूजा के शुभारंभ यानी षष्ठी (नौ अक्टूबर) से लेकर दशमी (12 अक्टूबर) तक कैदियों के लिए दोपहर और रात के भोजन में बदलाव किया जाएगा। अधिकारी ने कहा कि इस दौरान कैदियों को बेहतर भोजन उपलब्ध कराने का अनुरोध अक्सर आता है, और इस बार का मेन्यू उन्हें खुश करने के लिए बनाया गया है। उन्होंने कहा कि मैं इसे एक सकारात्मक कदम के रूप में देखता हूं, जो उनके सुधार में मददगार होगा।
यह फैसला भी लिया गया है कि कैदी स्वयं रसोई में काम करके इन व्यंजनों को तैयार करेंगे। इन व्यंजनों में माछेर माथा दिए पुई शाक मछली के माथे को मिलाकर सां), माछेर माथा दिए दाल, लुची-छोला दाल, खीर, चिकन करी, आलू-पटल चिंगरी, मटन बिरयानी के साथ रायता, और बसंती पुलाव जैसे लजीज भोजन शामिल होंगे।
धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए, हर कैदी को मांसाहारी भोजन नहीं दिया जाएगा और कैदियों को अपनी पसंद के अनुसार भोजन चुनने का अवसर मिलेगा। अधिकारी ने कहा कि बंगालियों और यहां लंबे समय से बसे अन्य समुदायों के लिए दुर्गा पूजा के दौरान मछली और मांस के बिना उत्सव अधूरा लगता है, इसलिए हमने खाने में विविधता लाने की कोशिश की है ताकि वे बंगालियों की तरह इसका आनंद ले सकें।
कोलकाता के प्रेसिडेंसी जेल में इस समय पूर्व राज्य मंत्री पार्थ चटर्जी, ज्योतिप्रिय मलिक और आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष सहित अन्य प्रमुख लोग बंद हैं। पार्थ चटर्जी पर स्कूल भर्ती घोटाले में और ज्योतिप्रिय मल्लिक पर सार्वजनिक वितरण प्रणाली में अनियमितताओं का आरोप है, जबकि संदीप घोष पर एक महिला डॉक्टर के बलात्कार-हत्या के मामले में सबूत छेड़छाड़ और अस्पताल के वित्तीय घोटाले में लिप्त होने का आरोप है।
राज्य के 59 सुधार गृहों में कुल 26 हजार 994 पुरुष और एक हजार 778 महिलाएं कैद हैं। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि हर बड़े त्योहार पर कैदियों के लिए विशेष व्यवस्था की जाती है। उन्होंने बताया कि यह विशेष आयोजन सभी सुधार गृहों में लागू किया जाएगा।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर