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संजौली मस्जिद विवाद : डेढ़ घण्टे चली सुनवाई, फैसला शाम चार बजे तक सुरक्षित

फाइल फोटो : संजौली मस्जिद

शिमला, 5 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । संजौली अवैध मस्जिद निर्माण मामले पर नगर निगम शिमला के आयुक्त भूपेंद्र अत्री की अदालत में आज पूर्वान्ह 11 बजे सुनवाई हुई। आज की सुनवाई में नगर निगम और वक्फ बोर्ड से स्टेट्स रिपोर्ट तलब की गई थी।

अदालत में दी गई दलीलों के अनुसार जामा मस्जिद संजौली को नियम 254-1 के तहत 31-3-2010 से लेकर मस्जिद की धरातल मंजिल को अवैध ठहराते हुए नोटिस जारी किया गया था। इस नोटिस के बावजूद पांच मंजिलें आठ साल में तैयार की गई जिस पर निगम ने संज्ञान होने के बावजूद भी कार्रवाई नहीं की। इसे लेकर 2/9/2011 से 2/9/2024 तक कुल 11 नोटिस दिये गये जिनका मस्जिद कमेटी ने जवाब नहीं दिया।

इसके अलावा स्थानीय लोगों का पक्ष रख रहे वकील जगत पॉल ने स्थानीय लोगों को इस मामले में नेसेसरी पार्टी बनाने को लेकर बात रखी जिस पर काफ़ी बहस हुई।

उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड की इस पूरे मामले में कोई भूमिका नहीं है क्योंकि इस मामले में अध्यक्ष मस्जिद कमेटी के नाम पर नोटिस जारी किए गए हैं और मस्जिद भूमि के खसरा नंबर पर साल 1997-98 का रिकॉर्ड सरकारी जमीन और काश्तकार मस्जिद अहले इस्लाम के नाम पाया गया है जिसका अर्थ मुस्लिम धर्म को मानने वाला है, ऐसे में वक्फ बोर्ड का कहीं नाम नहीं है।

वहीं मस्जिद कमेटी पक्ष की ओर से मामले में नगर निगम के आर्किटेक्चर और इंजीनियर को एनओसी देने व नक्शा पास करने के लिए दोषी ठहराया और स्थानीय लोगों को पार्टी बनाने के लिए पीटीशन को गैर जरूरी बताते हुए खारिज करने की मांग की गई है। करीब डेढ़ घंटे तक चली सुनवाई में फिलहाल फैसला आज शाम 4 बजे तक के लिए सुरक्षित रखा गया है।

पुलिस प्रशासन अलर्ट, बढ़ाई गई सुरक्षा

मस्जिद मामले की सुनवाई के मददेनजर पुलिस प्रशासन भी अलर्ट हो गया है। शिमला पुलिस ने संजौली मस्जिद स्थल में कड़ी सुरक्षा कर दी गई है। साथ ही चक्कर स्थित कोर्ट परिसर में भी सुरक्षा चाक-चौबंद कर दी गई है। अन्य जिलों की मस्जिदों के आसपास भी पुलिस ने सुरक्षा के खासे इंतज़ाम किये हैं।

इस बीच संजौली मस्जिद विवाद पर सुनवाई से पहले हिन्दू संगठन देवभूमि संघर्ष समिति ने आज आने वाले फैसले में न्याय के लिए कल शाम शिमला सहित अन्य जिलों के मंदिरों में हनुमान चालीसा का पाठ किया।

देवभूमि संघर्ष समिति ने ऐलान किया है कि नगर निगम आयुक्त के कोर्ट में अगर देवभूमि और सनातन के पक्ष में फैंसला नहीं आया तो प्रदेश भर में छह अक्टूबर से जेल भरो आंदोलन शुरू किया जायेगा।

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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

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