Gujarat

फ्लिपकार्ट जैसी फेक वेबसाइट बनाकर 50 करोड़ की ठगी में छह गिरफ्तार

सूरत पुलिस के एसीपी विपुल पटेल घटना के संबंध में जानकारी देते हुए।
सूरत के सरथाणा थाना क्षेत्र अंतर्गत फेक ई-कॉमर्स वेबसाइट के जरिए लोगों के साथ ठगी करने के मामले में पकड़े गए आरोपित।

-19 फेक वेबसाइट से लोगों से रुपये लेने के बाद नहीं भेजते थे सामान

-करीब 50 करोड़ रुपये की ठगी मामले में पुलिस को मिली सफलता

सूरत, 4 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । त्योहारों के सीजन में जालसाजाें ने तकनीक और सोशल मीडिया का सहारा लेकर लोगों को ठगने के लिए् शुरू

किए नए खेल का सूरत पुलिस ने पर्दाफाश किया है। पुलिस ने ई-कामर्स वेबसाइट फ्लिपकार्ट जैसी फेक वेबसाइट बनाकर 70 से 90 फीसदी छूट का झांसा देकर लोगों को ठगने के आरोप में छह लोगों को गिरफ्तार किया है। इन लोगों ने पेमेंट लेने के बाद भी सामान की डिलीवरी न करके लोगों से लगभग 50 कराेड़ ठग लिए हैं।

एसीपी विपुल पटेल ने शुक्रवार काे बताया कि फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉसर्म वेबसाइट की हुबहू फेक वेबसाइट पर लुभावने ऑफर से लोगों काे ठगा जाता था। यह लाेग लोगों से पेमेंट लेने के बाद उन्हें सामान की डिलीवरी नहीं करते थे। उन्हाेंने बताया कि शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने सरथाणा सावलिया सर्किल के पास पवित्रा प्वॉइंट, मेरीटोन प्लाजा और मोटा वराछा के पनवेल प्वाइंट के समीप आईटी पार्क स्थित तीन अलग-अलग ऑफिस और पार्किंग में खड़ी काराें पर छापा मारा। इस मामले में सूरत पुलिस ने सागर खूंट, संजय कातरिया, दिलीप पाधडाल, आशीष हडिया, पार्थ सवाणी और यश सवाणी काे गिरफ्तार कर लिया, जबकि पीयूष खूंट और हिम्मत वाघेला नामक दाे युवक अभी फरार हैं।

एसीपी पटेल ने बताया कि प्राथमिक जांच में कई चौंकाने वाली बातों का खुलासा हुआ है। पुलिस के अनुसार 12वीं पास तीन से चार युवकाें ने बीटेक और एमसीए पास दो युवकों को नौकरी पर रखकर फ्लिपकार्ट जैसी हुबहू दिखने वाली फेक वेबसाइट बनवाई। इस वेबसाइट के जरिए लोगों को 80 से 90 फीसदी छूट का ऑफर देकर ललचाया गया, फिर पेमेंट होने के बाद लोगों को सामान नहीं भेजे गए। गिरोह सदस्यों पर करीब 50 करोड़ रुपये की जालसाली करने की बात प्राथमिक जांच में बातें सामने आईं हैं।

ऐसे खुला मामला

पुलिस के अनुसार सरथाणा थाने की महिला पीआई एमबी झाला को सूचना मिली थी कि आशीष हडिया, सागर खूंट और उसका भाई पीयूष खूंट सरथाणा क्षेत्र के सावलिया सर्किल के पास पवित्रा प्वॉइंट में किराए की दुकान नंबर 703 में फ्लिपकार्ट जैसी वेबसाइट की हुबहू फेक वेबसाइट पर लुभावना ऑफर से लोगों के साथ ठगी कर रहे हैं। लोगों से पेमेंट लेने के बाद उन्हें सामान की डिलीवरी नहीं करते हैं। इस आधार पर पीआई झाला और उनकी टीम ने उस दुकान पर छापेमारी की। यहां से संजय कातरिया और आशीष हडिया को पकड़ा गया। पूछताछ में पता चला कि संजय अलग-अलग लोगों से किट लेकर अपने दोस्त आशीष को पांच हजार में बेचता था। इसके बाद आशीष अपने दो दोस्तों सागर खूंट और अपने भाई पीयूष के साथ मिलकर फ्लिपकार्ट जैसी फर्जी वेबसाइट पर बाजार मूल्य से काफी सस्ते दाम पर बर्तन और घरेलू सामान बेचता था। इसका पेमेंट वे अलग-अलग व्यक्ति के नाम से खोले गए अकाउंट को वेबसाइट से लिंक कर हासिल करता था। हालांकि प्रोडक्ट की डिलीवरी नहीं की जाती थी।

पुलिस ने आशीष के पिता की कार से कई तरह के सामान भी जब्त किए हैं। इसके बाद मेरीटोन प्लाजा की तीसरी मंजिल पर किराए की ऑफिस में दो युवक पार्थ सवाणी और यश सवाणी फेक वेबसाइट बनाने का काम करते थे। इसके बाद पुलिस ने यहां भी छापेमारी की और दोनों को पकड़ने के साथ कम्प्यूटर आदि सामान जब्त किए। इन दोनों युवकों को 20 हजार रुपये वेतन पर रखा गया था।

कुल 8.36 लाख का सामान जब्त

कार्रवाई में सरथाणा पुलिस ने आरोपितों के पास से सरथाणा पुलिस ने उसके पास से आठ लैपटॉप, दो कंप्यूटर, एक मोबाइल फोन, 101 सिम कार्ड, 137 एटीएम कार्ड, 69 आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासबुक, चेक बुक, सिमकार्ड, 98 किट, कार, 5 रबर स्टांप, 5 चार्जर, 4 स्वाइप मशीनें, 4 वाई-फाई राउटर, 9 क्यूआर कोड स्कैनर और अन्य सामग्री मिलाकर कुल 8.36 लाख रुपये जब्त किए हैं।

500 से अधिक जीमेल अकाउंट खोले

आशीष हाडिया पिछले छह महीने से खूंट बंधुओं से जुड़ा है। गौरतलब है कि ठगबाज अब तक 500 से ज्यादा जीमेल अकाउंट बना चुका है। जिसमें से अलग-अलग लोगों को किट देने के नाम पर करोड़ों रुपये हड़प लेने का आरोप है। पुलिस जांच में पता चला कि आरोपितों ने कुल 19 डोमेन लेकर 19 वेबसाइटें बनाई हैं। ये सभी वेबसाइट उन्होंने फ्लिपकार्ट लिप ऑफर कार्ड, लिप ऑफर जोन जैसी फर्जी वेबसाइट बनाईं। पुलिस पूछताछ में आरोपिताें ने बताया कि प्रतिदिन दो से ढाई लाख की वे कमाई करते थे। परिणामस्वरूप, यदि उनसे प्राप्त 93 किटों की जांच की जाए तो यह आंकड़ा 50 करोड़ से अधिक होने की संभावना है। पुलिस ने बैंक खाते की जानकारी मांगी है। इन सभी बैंक खातों की जांच के बाद पता चलेगा कि सटीक आंकड़ा कितना का है।

(Udaipur Kiran) / बिनोद पाण्डेय

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