शिवपुरी, 4 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । भारतीय न्याय संहिता में महिलाओं एवं बच्चों की सुरक्षा को लेकर कई अपराधों को जोड़ा गया है। जैसे- शादी का वादा कर धोखा देने के मामले में 10 साल तक की जेल होगी। नस्ल, जाति- समुदाय, लिंग के आधार पर मॉब लिंचिंग के मामले में आजीवन कारावास की सज़ा होगी।
किसी महिला के साथ गैंगरेप के अपराध में शामिल हर एक व्यक्ति को कम से कम 20 साल की सजा होगी, जो उम्रकैद तक बढ़ाई जा सकती है और जुर्माना भी लगाया जाएगा और जुर्माने की राशि पीड़ित महिला को मिलेगी। नाबालिगों से दुष्कर्म में सख्त सजा कर दी गई है। बीएनएस के सेक्शन 70 (2) के मुताबिक अगर पीड़ित 18 साल से कम यानी नाबालिग है तो गैंगरेप में शामिल प्रत्येक व्यक्ति को फांसी तक की सजा हो सकती है।
शादी का झूठा वादा करके यौन संबंध को अपराध की श्रेणी में डाला गया है। इसके लिए 10 साल तक की सजा होगी। भारतीय न्याय संहिता की धारा 69 के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति शादी, रोजगार या छल करके महिला से यौन संबंध बनाता है तो ये अपराध होगा। इसके लिए दस साल तक की सजा बढ़ाई जा सकती है साथ ही जुर्माना भी लगाया जा सकता है। इस धारा के तहत अगर कोई व्यक्ति पहचान छिपाकर शादी करता है तो उस पर भी दस साल तक की सजा का नियम लागू होगा। यह जानकारी महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित शक्ति अभिनंदन अभियान के तहत आयोजित जिला पंचायत सभागार में आयोजित कार्यक्रम में दी गई।
(Udaipur Kiran) / रंजीत गुप्ता