HimachalPradesh

हाथी प्रभावित इलाकों में सुरक्षा के लिए लगाया एनाइडर सिस्टम

नाहन, 03 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । पिछले कुछ वर्षों में हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिला की पांवटा साहिब घाटी में हाथियों का आवागमन काफी अधिक बढ़ गया है। यहीं नहीं अब हाथी अपना दायरा बढ़ाकर नाहन विकासखंड तक में दस्तक दे रहे है। पिछले वर्ष हाथी एक महिला सहित 2 लोगों को भी मौत के घाट उतार चुके है। हाल ही में चंद रोज पहले हाथियों ने कोलर रेंज के ग्रामीण इलाके में फसलों को भी नुकसान पहुंचाया। ऐसे में अब वन विभाग लगातार हाथी प्रभावित इलाकों में लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर पुख्ता इंतजाम करने में जुटा है। अब तक पांवटा साहिब में अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस 8 से 10 एनाइडर सिस्टम प्रभावित इलाकों में स्थापित कर चुका है, जिसके परिणाम भी संतोषजनक देखने को मिल रहे है। साथ ही अन्य इंतजाम करने के साथ-साथ फील्ड में लोगों को भी लगातार जागरूक किया जा रहा है।

नाहन वन वृत के अरण्यपाल वसंत किरण बाबू ने बताया कि हाथी उत्तराखंड-यूपी बॉर्डर से सिरमौर में दाखिल हो रहे है। अभी ताजा फील्ड रिपोर्ट के मुताबिक 7 हाथी पांवटा साहिब घाटी में आ गए है, जिन्होंने क्षेत्र में फसलों को भी नुकसान पहुंचाया है।

उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में राजाजी जी नेशनल पार्क के साथ से बन रहे हाइवे के कारण भी जंगली जानवर डिस्टर्ब हो रहे है। यही एक बड़ी वजह है कि हाथी हिमाचल की तरफ रुख कर रहे है। अरण्यपाल ने बताया कि प्रोजेक्ट एलिफैंट के तहत हाथी प्रभावित इलाकों में एनाइडर सिस्टम भी लगाए जा रहा है। अब तक नाहन और पांवटा साहिब में इस तरह के करीब 8 से 10 सिस्टम गांवों के साथ लगाए जा चुके है, ताकि रिहायशी इलाकों में हाथियों की मूवमेंट को रोका जा सके।

उन्होंने बताया कि हाथियों से बचाव के लिए फील्ड स्टाफ को एयरगन, साउंड गन, एल.ई.टी. टॉर्च इत्यादि भी उपलब्ध करवाए गए है। साथ ही सायरन और वाहन भी उपलब्ध करवाए गए है। इसके अलावा विशेष टीमें रात्रि गश्त भी कर रही है, ताकि स्थानीय लोगों को हाथियों के डर से निजात मिल सके।

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(Udaipur Kiran) / जितेंद्र ठाकुर

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