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देश में नवरात्रि पर 50 हजार करोड़ से ज्‍यादा के व्यापार का अनुमान: कैट

कारोबारी संगठन कैट के लोगो का प्रतिकात्मक चित्र

नई दिल्ली, 03 अक्‍टूबर (Udaipur Kiran) । नवरात्रि का त्योहार गुरुवार से प्रारंभ हो गया है। देश में 10 दिनों तक चलने वाले इस त्‍योहारी सीजन में नवरात्रि, रामलीला, गरबा और डांडिया जैसे उत्सव बड़े धूम-धाम से मनाए जाते हैं। इससे देशभर में व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलता है। कन्‍फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) को इन उत्सवों से देश में 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार होने का अनुमान है, जिसमें दिल्ली में ही करीब 8 हजार करोड़ रुपये से अधिक के व्यापार होने की उम्मीद है।

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री एवं भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने गुरुवार को बताया कि दिल्ली सहित देशभर में अगले एक महीने तक त्योहारों की धूम रहेगी। इसके चलते अर्थव्यवस्था को भी पंख लग जाएंगे। नवरात्रि के दौरान होने वाले उत्सवों से बाजारों में रौनक बढ़ने की उम्मीद है, जिससे व्यापारियों को काफी फायदा होगा। कैट के एक अनुमान के मुता‍बिक अगले 10 दिनों में देशभर में लगभग 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार होने की संभावना है। अकेले दिल्ली में ही करीब 8 हजार करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार होगा। उन्‍होंने बताया कि पिछले वर्ष दस दिन का यह व्यापार करीब 35 हजार करोड़ रुपये का था।

खंडेलवाल ने बताया कि त्योहारों में खरीदारी की विशेष बात ये है कि बेचे जाने वाले अधिकांश भारतीय उत्पाद ही होंगे। क्‍योंकि लोगों का चीन से बने सामानों से अब मोहभंग हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर “वोकल फॉर लोकल” तथा “आत्मनिर्भर भारत” अभियान ने देश में भारतीय सामानों की गुणवत्ता को बढ़ाया है। अब भारत में बने सामान किसी भी विदेशी सामान से बेहतर हैं। यही कारण है कि उपभोक्ता का रुझान अब भारतीय वस्तुओं की खरीदारी पर है। उन्होंने बताया कि अकेले दिल्ली में छोटी बड़ी लगभग एक हजार से अधिक रामलीला आयोजित की जाती हैं। वहीं, सैकड़ों दुर्गा पूजा के पंडाल लगते हैं। गुजरात में होने वाले डांडिया और गरबा के कार्यक्रम बड़े पैमाने पर अब दिल्ली सहित देशभर में आयोजित होते हैं और करोड़ों लोग त्योहारों की खुशियां मनाते हैं। ऐसा माना जाता है कि त्योहार मनाने से घरों में सौभाग्य एवं संपन्नता का वास होता है।

उन्होंने बताया कि इस त्योहारी सीजन में कपड़े एवं परिधान खासकर पारंपरिक परिधान जैसे साड़ी, लहंगा, और कुर्ते की मांग नवरात्रि और रामलीला के दौरान काफी बढ़ती है। पूजा और धार्मिक आयोजनों के लिए लोग नए कपड़े खरीदते हैं, जिससे इस श्रेणी में व्यापार में उछाल देखने को मिलता है। वहीं, बड़े पैमाने पर पूजा सामग्री की मांग भी होती है। पूजा के लिए आवश्यक वस्तुएं जैसे फल, फूल, नारियल, चुनरी, दीपक, अगरबत्ती, और अन्य पूजन सामग्रियों की भारी मांग रहती है। खाद्य एवं मिठाई अन्य वस्तुएं हैं जिसको इन त्योहारों के दौरान लोग खरीदते हैं। हलवा, लड्डू, बर्फी और अन्य मिठाइयों की खपत इस दौरान बढ़ जाती है। वहीं बड़ी मात्रा में फलों और फूलों की भी मांग रहती है। त्योहारों में घर और पूजा पंडालों को सजाने के लिए साज-सज्जा के सामान, जैसे दीयों, बंदनवार, रंगोली सामग्री, और लाइटिंग की मांग बढ़ती है।

खंडेलवाल ने कहा कि इन दस दिनों के त्‍योहारी सीजन में पंडाल बनाने के लिए टेंट हाउस, सजाने के लिए सजावटी कंपनियां आदि को बढ़ा व्यापार मिलता है। इस मौके पर देशभर में बड़ी मात्रा में मेले तथा उत्सव संबंधी हजारों आयोजन होते हैं जिसमें लाखों लोग भाग लेते हैं। खंडेलवाल ने कहा कि यह आयोजन धार्मिक आस्था के साथ-साथ सांस्कृतिक एकता और व्यापारिक गतिविधियों को भी प्रोत्साहित करते हैं।

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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर

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