RAJASTHAN

हरियाणा में कांग्रेस-सरकार बनते ही लागू होंगी राजस्थान वाली योजनाएं :अशोक गहलोत

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत।

जयपुर/महेंद्रगढ़, 1 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी के 10 साल के कुशासन से त्रस्त हरियाणा की जनता ने कांग्रेस सरकार लाने का पूरी तरह मन बना लिया है। कांग्रेस यहां एकतरफा जीत रही है। कांग्रेस की गारंटियों पर जनता भरोसा कर रही है। हरियाणा में कांग्रेस सरकार बनते ही राजस्थान वाली योजनाएं लागू करेंगे। यहां जो गारंटियां कांग्रेस पार्टी ने दी है। उन्हें हमारी सरकार ने राजस्थान में पूरा किया है।

गहलोत ने कहा कि हर परिवार को 25 लाख का बीमा, 500 रुपए गैस सिलेंडर, पुरानी पेंशन योजना और फ्री बिजली राजस्थान में दी गई थीं। अब हरियाणा में सरकार बनते ही इन योजनाओं को यहां भी लागू किया जाएगा। गहलोत हरियाणा में चुनाव प्रचार के दौरान पत्रकाराें से बातचीत कर रहे थे।

गहलोत ने कहा कि जनता ने हरियाणा में कांग्रेस का दस साल का सुशासन देखा और अब दस साल भाजपा का कुशासन देखा है। जनता ने दोनों कार्यकालों का हिसाब लगाकर देख लिया है। अब भाजपा के कुशासन से त्रस्त होकर यहां कांग्रेस सरकार लाने का मन भी बना लिया है। गहलोत ने कहा कि यहां मनोहर लाल खट्टर साढे नाै साल तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे, लेकिन अब उन्हें चुनाव प्रचार तक से दूर रखा जा रहा है। यह भाजपा राज की पोल खोलने के लिए काफी है कि जिन्होंने साढे नाै साल तक सत्ता संभाली उन्हें पहले पद से हटाया गया। अब चुनाव प्रचार तक से दूर कर दिया गया है।

गहलोत ने कहा कि 2014 में बीजेपी ने यहां कालाधन वापस लाने, दाे करोड़ रोजगार देने, किसानों की आय दोगुनी करने और सबके खाते में 15-15 लाख रुपए डालने जैसे वादे किए। इस पर जनता ने भरोसा कर लिया। एक भी वादा पूरा नहीं हुआ। इससे जनता का भरोसा पूरी तरह भाजपा से उठ चुका है। हरियाणा छह साल से बेरोजगारी में नंबर एक राज्य बना हुआ है। आज महंगाई से जनता की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है और घर चलाना तक मुश्किल हो गया है।

गहलोत ने कहा कि हरियाणा के किसान तीन काले कानूनों के खिलाफ दिल्ली में विरोध प्रदर्शन करते रहे, लेकिन यहां की सरकार एवं भाजपा ने उनके लिए अपशब्दों का प्रयोग किया। किसानों ने इस चुनाव में बीजेपी को वोट से जवाब देना तय किया है। गहलोत ने कहा कि लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए सामाजिक, आर्थिक और जातिगत जनगणना की मांग कर रहे हैं, लेकिन यह सरकार ध्यान नहीं दे रही है। केंद्र सरकार चार साल का वक्त बीत जाने के बावजूद भी सामान्य जनगणना तक नहीं करवा पाई है। सामाजिक, आर्थिक और जातिगत जनगणना से समाज का एक विश्वसनीय डाटा सामने आएगा। इसके आधार पर सरकारों को योजना बनाने में आसानी होगी।

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(Udaipur Kiran) / रोहित

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