नई दिल्ली, 1 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) भूमि आवंटन मामले में राजनीति तेज हो गई है। प्रवर्तन निदेशालय ने इसमें मनी-लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है। पूरे मामले पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का कहना है कि वे अपने पद से इस्तीफा नहीं देंगे। उन्होंने मनी-लॉन्ड्रिंग में मामला दर्ज किए जाने पर भी सवाल उठाए हैं।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ ‘मुडा’ मुद्दे पर मनी-लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। सिद्धारमैया ने मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए मनी-लॉन्ड्रिंग के आरोप पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि यह मामला पीएमएलए के तहत आने वाले ‘मनी-लॉन्ड्रिंग’ का नहीं है।
उन्होंने पूछा, “यह किस प्रकार का धनशोधन है? जमीन के बदले भूखंड दिया गया था, तो इसमें धनशोधन का मामला कहां से बनता है?”
कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने ‘मुडा’ भूमि मामले में ईडी की भागीदारी की आलोचना की। उन्होंने दावा किया कि यह मुद्दा राजनीति से प्रेरित है, जिससे सीएम सिद्धारमैया की छवि को नुकसान पहुंच रहा है। वहीं कांग्रेस पार्टी ने भी पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किए जाने पर सवाल उठाए हैं।
इसी बीच मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) के आयुक्त ए.एन. रघुनन्दन का कहना है कि उन्हें मुख्यमंत्री एम सिद्धारमैया की पत्नी का आवंटित 14 साइट को वापस किए जाने का पत्र प्राप्त हुआ है। प्राधिकरण अब इस पर नियमों के तहत कार्रवाई करेगा। रघुनंदन ने यह बताया कि उन्हें लोकायुक्त पुलिस की ओर से जांच में सहयोग के लिए पत्र प्राप्त हुआ है।
पत्रकारों से बातचीत ने रघुनंदन ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सिद्धारमैया के बेटे एवं विधान परिषद के सदस्य यतींद्र सिद्धारमैया सुबह अपनी माता की ओर से लिखा एक पेज का पत्र लेकर उनके कार्यालय आए थे। उनसे पूछा गया कि क्या वे ऐसे मामले में जमीन वापस ले सकते हैं जिस पर अनियमितताओं की जांच चल रही हो। उन्होंने कहा कि वे इस विषय पर कानूनी परामर्श लेकर नियम प्रक्रिया के तहत आगे निर्णय लेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि मामले में निर्णय लेने के लिए कोई तय समय सीमा नहीं है।
सिद्धारमैया की पत्नी ने अपने पत्र में 14 भूखंडों का स्वामित्व छोड़ने की पेशकश की थी। उन्होंने अपने पत्र में कहा कि उनके पति की प्रतिष्ठा, सम्मान और मानसिक शांति उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण है। इस कदम को सिद्धारमैया ने एक जिम्मेदार निर्णय बताया और कहा कि यह किसी अपराध की स्वीकारोक्ति नहीं है।
उल्लेखनीय है कि ‘मुडा’ ने 2021 में पार्वती को केसारे में सर्वेक्षण संख्या 464 पर 3 एकड़ और 16 गुंटा भूमि के बदले में 14 साइटें आवंटित की थीं।
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(Udaipur Kiran) / अनूप शर्मा