मीरजापुर, 01 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । शक्ति की उपासना का पर्व शारदीय नवरात्र तीन अक्टूबर से प्रारंभ हो रहा है। इस वर्ष नवमी और दशमी एक साथ 12 अक्टूबर को पड़ेंगे, जिस दिन अपराजिता का पूजन भी होगा। अष्टमी तिथि 11 अक्टूबर को होगी।
आचार्य डा. रामलाल त्रिपाठी ने (Udaipur Kiran) को बताया कि शारदीय नवरात्र शक्ति पूजा के लिए सर्वोत्तम माने गए हैं। इन नवरात्रों के दाैरान दुर्गा, लक्ष्मी, काली, चामुंडा, दस महाविद्या, नव दुर्गा, वन देवी इत्यादि की पूजा विशेष रूप से की जाती है। उन्होंने बताया कि नवरात्र में कुमारी पूजन का सबसे अधिक महत्व है। किसी भी जाति की कन्या को भोजन कराया जा सकता है। कुमारी पूजा आरोग्य, धन, यश की प्राप्ति होती है।
आचार्य ने बताया कि तीन अक्टूबर को प्रतिपदा तिथि में कलश स्थापना सिंह लग्न या कन्या लग्न करना उचित होगा। सिंह लग्न सुबह के पांच बजे तक होगा। वहीं कन्या लग्न पांच बजे से 7.30 तक होगा। इस बार नवरात्र मलाव्य योग, जो कि शुक्र से बनेगा, भद्र योग जो कि बुध से बनेगा, सस योग जो कि शनि से बनेगा ये तीन पंच महापुरुष योग विद्यमान होंगे। इनमें की गई साधना बहुत शुभ फल प्रदान करेगी।
(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा