शिमला, 1 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । पोषण अभियान के तहत जिला स्तरीय संवेदीकरण कार्यशाला एवं समापन सम्मान समारोह का आयोजन मंगलवार को बचत भवन में किया गया। इस कार्यक्रम में उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप ने बतौर मुख्यतिथि शिरकत की।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यातिथि ने कहा कि पोषण अभियान 2.0, या सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0, एक एकीकृत पोषण सहायता कार्यक्रम है। इसका मकसद, बच्चों, किशोरियों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं में कुपोषण की समस्या को कम करना है। इस कार्यक्रम के तहत, पोषण से जुड़ी कई समस्याओं का समाधान किया जा रहा है। उन्होंने सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को बेहतरीन कार्य करने पर शुभकामनाएं दी।
उन्होंने कहा कि हमें पौष्टिक आहार को अपने जीवन का अहम हिस्सा बनाना होगा। हमें आसपास के लोगों को भी इस बारे में जागरूक करना चाहिए। अगर हम स्वस्थ स्वास्थ्य चाहते है तो उसके लिए पौष्टिक आहार का होना अति आवश्यक है। हमें अपने बच्चों को पौष्टिक आहार के बारे में जागरूक करना चाहिए। औषधीय गुणों से सम्पन्न कई दालें, सब्जियां आज हमारी रसोई से गायब होती जा रही है। हम त्योहारों में परंपरागत व्यंजनों को बनाने से परहेज करते है, जबकि हमें पारम्परिक व्यंजनों को पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ाने में अग्रणी रहना चाहिए।
मुख्य अतिथि ने कहा कि आज बच्चों को खेलों के प्रति जागरूक करने की जरूरत है। बच्चे खेलों से दूर होते जा रहे है। बच्चों के सर्वांगीण विकास में खेलों की अहम भूमिका है। उन्होंने कहा कि खेलें प्रोफेशन हो चुकी है। आज बच्चे मोबाइल पर पूर्ण रूप से निर्भर बनते जा रहे है। ऐसे में बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास में कई बाधाएं उत्पन्न हो रही है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी ममता पाॅल ने बताया कि पोषण अभियान के तहत 1 सिंतबर से 30 सिंतबर तक पोषण माह जिला भर में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस बार अभियान की थीम “सुपोशित किशोरी, साक्षर नारी“ रही। इस अभियान के तहत 2154 आंगनबाड़ी केंद में कुल करीब 34 हजार गतिविधियां आयोजित की गई है। उन्होंने कहा कि अभियान के बारे में विस्तृत रिपोर्ट भी प्रस्तुत की।
कार्यक्रम में आरकेएमवी से डाॅ. ज्योति शुक्ला ने जानकारी देते हुए बताया कि शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने और बेहतर विकास के लिए अपने खानपान से पर्याप्त पोषण प्राप्त करना बहुत आवश्यक है। पोषण कई पोषक तत्वों के एक समूह की तरह है, जो हमें भोजन से मिलता है। जब हमारे शरीर को पर्याप्त पोषण नहीं मिलता है, तो इससे शरीर में कमजोरी आती है और हम बीमार हो जाते हैं। कुपोषण के कारण लोग गंभीर रोगों की चपेट में भी आ सकते हैं। ऐसे कई जरूरी पोषक तत्व होते हैं, जो शारीरिक कार्य को बनाए रखने में बहुत अहम भूमिका निभाते हैं। ये पोषक तत्व शरीर में कोशिकाओं (सेल्स) और ऊतकों (टिशूज) की मरम्मत के साथ-साथ उनके निर्माण में मदद करते हैं।
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(Udaipur Kiran) शुक्ला