कुशीनगर, 1 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । कुशीनगर के तमकुहीराज तहसील से होकर बह रही नारायणी नदी ने बीरवट कोन्हवलिया गांव के सामने स्थित एपी बांध का कटान शुरू कर दिया है। मंगलवार को दोपहर तक 100 मीटर बांध का टाप और उसके नीचे का स्लोप नदी की धारा में विलीन हो गया,जिससे ग्रामीणों में दहशत फैल गई है।
बांध का टाप कटने की सूचना पर अधीक्षण अभियंता, अधिशासी अभियंता व एसडीएम तमकुही मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया और तत्काल बचाव कार्य शुरू कराया। बोल्डर और मिट्टी की बोरियों से कटान रोकने के कार्य में अभियंता व मजदूर जुट गए।
मंगलवार की सुबह आठ बजे वाल्मीकि नगर बैराज से पानी का डिस्चार्ज 1.36500 लाख क्यूसेक छोड़ा गया। सोमवार की शाम जलस्तर में कमी से स्थिति सामान्य बताई जा रही थी। लेकिन रात में अचानक नदी की धारा ने मुख्य बांध पर प्रहार शुरू कर दिया और देखते ही देखते टाप व स्लोप विलीन हो गए। ग्रामीणों ने जब कटान देखा तो उनके होश उड़ गए। जिला प्रशासन ने मौके पर अधीक्षण अभियंता जयप्रकाश सिंह, अधिशासी अभियंता महेश कुमार सिंह, एसडीएम विकास चंद समेत दूसरे सेक्शन के भी अभियंताओं की तैनात कर दिया है।
कई स्थानों पर नदी बना रही दबाव: एपी बांध पर गौरहा गांव के सामने सोमवार से हो रहे रिसाव का भी अधीक्षण अभियंता ने निरीक्षण किया। एपी बांध के अहिरौलीदान, बांक खास, बाघाचौर ततवा टोला, मुसहर टोले पर भी दबाव कायम है। इसी तरह नरवाजोत बांध के किमी 1.700 पर स्पर के नोज पर नारायणी नदी का दबाव जारी है,जबकि इसके किनारे बसे शिव टोला, फल टोला, गोवर्धन टोला, भंगी टोला आदि में बाढ़ का पानी घुस गया है। चैनेज 7.500 किमी पर हुआ कटान शुरू हुआ है। अभियंता बता रहे हैं कि बांध अभी खतरे से बाहर है। कटे हुए भाग की मरम्मत शुरू हो गई है।
(Udaipur Kiran) / गोपाल गुप्ता