नई दिल्ली, 30 सितंबर (Udaipur Kiran) । अटल बिहारी वाजपेयी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एबीवीआईएमएस) एवं आरएमएल अस्पताल के 10वें दीक्षांत समारोह का सोमवार को आयोजन किया गया। खास बात यह रही कि सभी मेडिकल छात्रों ने भारतीय परिधान में डिग्री प्राप्त की। मेडिकल छात्राओं ने साड़ी और छात्रों ने कुर्ता और अंग वस्त्र में डिग्री ली। इससे पहले आयोजन में काले रंग के गाउन का इस्तेमाल किया जाता था। भारतीय परिधान में डिग्री और मेडल प्राप्त करने पर मेडिकल छात्रों ने खुशी जाहिर की। समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मुख्य अतिथि थीं। उन्होंने देश को स्वस्थ रखने में डॉक्टरों की अहम भूमिका पर प्रकाश डाला।
दौरान उन्होंने 36 डॉक्टरों को गोल्ड मेडल से सम्मानित किया। दीक्षांत समारोह के अवसर पर 450 डॉक्टरों को स्नातकोत्तर (एमडी) की डिग्री दी गईं। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण जेपी नड्डा ने समारोह की अध्यक्षता की। इस मौके पर जेपी नड्डा ने कहा कि यहां मौजूद छात्र और विद्वान बेहतर भविष्य के निर्माण के लिए हमारी मानव संसाधन पूंजी हैं।
उन्होंने कहा कि व्यावसायिक शिक्षा एक विशेषाधिकार है जिसे हममें से बहुतों को आगे बढ़ाने का अवसर नहीं मिलता है। सरकार प्रति मेडिकल छात्र लगभग 30 से 35 लाख रुपये खर्च करती है। प्रत्येक वर्ष ऐसी व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करना न केवल छात्रों की क्षमता और प्रतिभा है बल्कि संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र इस असाधारण अवसर का लाभ उठाने में सक्षम बनाता है। डॉक्टर बनने की राह में छात्रों को उनके माता-पिता, शिक्षकों, तकनीशियनों और यहां तक कि हॉस्टल और कैंटीन में काम करने वाले सहायक कर्मचारियों ने भी योगदान दिया है।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसी साल अगस्त में अपने सभी संस्थानों को दीक्षांत समारोह के लिए भारतीय ड्रेस कोड तैयार करने का निर्देश दिया था। इससे पहले हमारे देश के तमाम संस्थानों में ब्रिटिश काल से चली आ रही परंपरा के अनुसार काला ड्रेस और काली टोपी पहने का रिवाज है।
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(Udaipur Kiran) / विजयालक्ष्मी