ऊना, 30 सितंबर (Udaipur Kiran) । भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं ऊना के विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने वेंडर्स एक्ट को लेकर हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह द्वारा दिए गए बयान का समर्थन करते हुए कहा कि यह सभी चीजें भारत के ही संविधान में अंकित की गई है, जिन्हें लागू करना राष्ट्रीय हित में बेहद जरूरी हो चुका है।
सोमवार को पार्टी कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम के दौरान मीडिया कर्मियों को संबोधित करते हुए विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मॉडल की हर कोई व्यक्ति बात कर रहा है, लेकिन यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केवल मात्र संविधान में अंकित की गई बातों को सख्ती से लागू किया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के युवा मंत्री द्वारा इस चीज का समर्थन करना राष्ट्र के हित में है और प्रदेश की सरकार को बिना कोई किंतु परंतु किए विक्रमादित्य सिंह के सुझाव को मान लेना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस वोट बैंक की राजनीति के चलते समुदाय विशेष के सामने हमेशा झुकी हुई रहती है और इस मामले में भी अपने मंत्रियों को दिल्ली बुलाकर डांट डपट कर डराने धमकाने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वेंडर्स एक्ट को लेकर प्रदेश सरकार द्वारा गठित की गई कमेटी में भाजपा के तीन विधायकों में उनका अपना भी नाम शामिल है लिहाजा वह भी इस मामले को 3 अक्टूबर को हो रही महत्वपूर्ण बैठक में अपने सुझाव सरकार के समक्ष रखेंगे।
विधायक ने माता चिंतपूर्णी के नाम पर आयोजित किए गए पहले श्री चिंतपूर्णी महोत्सव को लेकर भी प्रदेश की सरकार और जिला प्रशासन पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि माता के नाम पर आयोजित किए गए महोत्सव के दौरान माता का एक भी भजन सुनने को नहीं मिला। जबकि इस महोत्सव के नाम पर पैसों की खुली लूट सरकार और प्रशासन द्वारा की गई। उन्होंने कहा कि स्थानीय कलाकारों को भी इस मंच पर समय नहीं दिया गया, जबकि बाहर से महंगे कलाकार बुलाकर पैसे की भारी बर्बादी की गई है।
उन्होंने कहा कि दलालों के माध्यम से कलाकारों को बुलाना हमेशा महंगा सौदा हुआ है, यही कारण था कि भाजपा ने इन मेलों को बंद करने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश मेलों का प्रदेश है और जहां पर लोग अपने स्तर पर मेलों का आयोजन करते हैं सरकार की उसमें शून्य भूमिका रहती है। लेकिन सरकार द्वारा आयोजित किए गए इस मेले में लोगों की जय पर खुले आम डाका डाला गया। जिसे सहन नहीं किया जा सकता।
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(Udaipur Kiran) / विकास कौंडल