जम्मू, 29 सितंबर (Udaipur Kiran) । महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक सराहनीय कदम उठाते हुए भारतीय सेना ने राजौरी जिले की महिलाओं को लक्षित करते हुए पीर पंजाल क्षेत्र के एक सुदूर क्षेत्र थानमंग में सिलाई और टेलरिंग कोर्स शुरू किया है। यह पहल चुनौतीपूर्ण इलाकों में समुदायों के उत्थान के लिए सेना के व्यापक मिशन का हिस्सा है जिसमें महिलाओं को उनकी आजीविका बढ़ाने और वित्तीय स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए आवश्यक कौशल से लैस किया जाता है।
यह कार्यक्रम परिधान बनाने के कौशल पर केंद्रित है जिसमें कटिंग, सिलाई और फिनिशिंग तकनीक शामिल हैं। कई हफ्तों की अवधि में प्रतिभागियों को व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जायेगा, जिससे वे विभिन्न कपड़ों की वस्तुओं को तैयार करने में सक्षम हो जाएँगी। ये व्यावहारिक कौशल महिलाओं को उद्यमिता का पता लगाने के लिए सशक्त बनाते हैं, जिसमें अपना खुद का सिलाई व्यवसाय शुरू करने या फ्रीलांसर के रूप में काम करने के अवसर होते हैं जिससे प्रतिभागियों में स्वतंत्रता और आत्मविश्वास की भावना बढ़ती है।
यह पहल सीधे तौर पर लैंगिक समानता को बढ़ावा देने और समाज में महिलाओं की स्थिति में सुधार लाने के राष्ट्रीय लक्ष्य का समर्थन करती है। दुर्गम क्षेत्र में प्रशिक्षण प्रदान करके, भारतीय सेना बाधाओं को तोड़ रही है और महिलाओं के लिए आर्थिक और सामाजिक दोनों क्षेत्रों में अधिक सक्रिय भूमिका निभाने का मार्ग प्रशस्त कर रही है।
यह सिलाई और टेलरिंग कार्यक्रम एक अलग प्रयास नहीं है, बल्कि पीर पंजाल क्षेत्र में भारतीय सेना द्वारा की गई सामाजिक विकास पहलों की एक श्रृंखला का हिस्सा है। पिछली पहलों में शैक्षिक कार्यक्रम, स्वास्थ्य शिविर और अन्य क्षेत्रों में व्यावसायिक प्रशिक्षण शामिल हैं। इन प्रयासों की सफलता सामाजिक परिवर्तन को बढ़ावा देने में कौशल विकास की परिवर्तनकारी शक्ति को उजागर करती है।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा