नई दिल्ली, 29 सितंबर (Udaipur Kiran) । रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिवसीय समीक्षा बैठक 7-9 अक्टूबर को होगी। बैठक के फैसलों की जानकारी आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास 9 अक्टूबर को देंगे। इस बार भी नीतिगत ब्याज दरों रेपो रेट में बदलाव की उम्मीद नहीं है।
आर्थिक मामलों के जानकारों ने बताया कि आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में आरबीआई की तीन दिवसीय द्विमासिक एमपीसी की समीक्षा बैठक 7-9 अक्टूबर तक चलेगी। इस बैठक में भी ब्याज दरों में बदलाव की संभावना नहीं है। इससे पिछली बैठक अगस्त में हुई थी, जिसमें एमपीसी ने लगातार 9वीं बार ब्याज दर रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया था।
क्या और कितने सदस्यों वाली होती है एमपीसी-
आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति छह सदस्यीय होती है। यह समिति नीतिगत ब्याज दरों में बदलाव पर फैसला लेता है। समिति में तीन सदस्य आरबीआई के होते हैं, जबकि तीन सदस्य भारत सरकार चुनती है। रिजर्व बैंक के तीन सदस्यों में से एक गवर्नर, एक डिप्टी गवर्नर, और एक अन्य अधिकारी होता है। ये बैठक हर दो महीने में होती है।
क्या होता है नीतिगत ब्याज दर यानी रेपो रेट-
रेपो रेट वह दर है जिस पर रिज़र्व बैंक किसी भी तरह की कमी की स्थिति में वाणिज्यिक बैंकों को पैसे उधार देता है। आरबीआई रेपो दर का उपयोग मौद्रिक प्राधिकरण मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए करते हैं।
उल्लेखनीय है कि आरबीआई ने आखिरी बार फरवरी 2023 में रेपो रेट में 0.25 फीसदी का इजाफा किया था, जो बढ़कर अभी 6.50 फीसदी पर है। रिजर्व बैंक ने कोरोना के दौरान 27 मार्च 2020 से 9 अक्टूबर, 2020 के बीच दो बार रेपो रेट में 0.40 फीसदी की कटौती की थी। इसके बाद आरबीआई ने 5 बार नीतिगत ब्याज दरों में इजाफा किया। चार बार इसमें कोई बदलाव नहीं किया, जबकि एक बार अगस्त 2022 में 0.50 फीसदी की कटौती की थी। कोविड-19 से पहले 6 फरवरी, 2020 को रेपो रेट 5.15 फीसदी पर था।
(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर