Jharkhand

भगवान ने कर दिया नि:संतान, मुआवजे से नहीं मिलेगी आत्मा को शांति

पुलिस और मुखिया से बात करते परिजन
बच्चियों की लाश पर रोते-बिलखते परिजन
मुखिया द्वारा लिखा गया पत्र

बच्चियों के परिजनों ने पोस्टमार्टम नहीं कराने के लिए दिया आवेदन

रामगढ़, 29 सितंबर (Udaipur Kiran) । जिले के सिरका कहुआ बेड़ा गांव में तीन सगी बहनों की मौत से उनके परिजनों को गहरा सदमा लगा है। ऐसा लग रहा है मानो भगवान ने अनिल प्रजापति और बब्लू प्रजापति के परिवार के सिर से अपना हाथ हटा लिया है। यह परिवार पिछले कई वर्षों से लगातार हादसों का शिकार हो रहा है। अंततः ऐसा हुआ कि दो भाइयों में से एक भाई बब्लू प्रजापति नि:संतान हो गया। अब उन दोनों भाइयों के इस परिवार में सिर्फ एक पुत्र ही बचा है। वही बच्चा दोनों भाइयों के पूरे परिवार का आखरी सहारा है।

बबलू के पुत्र की सड़क दुर्घटना में हो चुकी है मौत

जानकारी के अनुसार अनिल प्रजापति के तीन संतानों में दो पुत्री और एक पुत्र शामिल हैं। उनकी दोनों पुत्री सिमरन और संध्या का निधन पानी में डूबने से हो गया। बब्लू प्रजापति के संतानों में एक बेटी और एक बेटा शामिल था। बेटे की मौत कुछ साल पहले ही सड़क दुर्घटना में हो गई थी। अब 15 वर्षीय बेटी छाया उनकी आखिरी उम्मीद थी, जिसे काल ने निगल लिया। बब्लू प्रजापति ने अधिकारियों को कहा कि भगवान ने उन्हें निःसंतान कर दिया है। सरकारी सहायता से उनकी आत्मा को शांति नहीं मिलेगी। अब अपने बच्चों की मौत पर वह सरकारी राशि लेकर अपना दर्द और नहीं बढ़ाना चाहते।

जिला प्रशासन और पुलिस पदाधिकारी ने परिवार वालों को काफी समझाया। उन्हें बताया कि जब तक पोस्टमार्टम नहीं होगा, तब तक सरकारी सहायता उनके परिवार वालों को नहीं मिल पाएगी। लेकिन इन सबसे अलग गहरे सदमे में डूबे परिवार वालों ने पुलिस प्रशासन को आवेदन देकर अपनी तीन बच्चियों के शव का पोस्टमार्टम नहीं करने का आग्रह किया। नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड 17 के मुखिया अनु विश्वकर्मा ने भी अपने लेटर पैड पर पोस्टमार्टम नहीं करने का आग्रह करते हुए पत्र लिखा। अंततः सामाजिक दबाव और परिजनों के आग्रह पर पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी नहीं की गई। जिला प्रशासन ने उन तीनों बच्चियों के अंतिम संस्कार की इजाजत दे दी।

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(Udaipur Kiran) / अमितेश प्रकाश

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