मंदसाैर, 29 सितंबर (Udaipur Kiran) । नवरात्रि और दिवाली से पहले प्रशासन ने लगातार बड़ी कार्रवाईयां करते हुए इंदौर में मिलावटखोरों पर शिकंजा कसा है। इसी के चलते खाद्य विभाग ने एक प्राइवेट फर्म पर छापा मारकर करीब 5,500 किलो से ज्यादा नकली घी जब्त किया है। बताया जा रहा है कि नकली घी पाम ऑयल, सोयाबीन तेल और दूसरे खाने के तेलों में घी का सिंथेटिक एसेंस मिलाकर बनाया जाता था। शाजापुर जिले में भी निकली घी का काला कारोबार तेजी से पैर पसार रहा है लेकिन मनी रोग से पीड़ित विभागीय जिम्मेदार इस तरफ कोई ध्यान न देकर किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहे हैं।
गौरतलब है कि त्यौंहारी सीजन शुरू होते ही बाजारों में नकली और मिलावटी खाद्य पदार्थों का चलन जमकर शुरू हो गया है और विभिन्न खाद्य सामग्रियों में मिलावट का खेल बैखौफ तरीके से जारी है। इसमें भी गंभीर विषय यह है कि बीते कुछ समय से नकली और मिलावटी घी का कारोबार नगर व जिले में तेजी से बढ़ता जा रहा है। इस पर समस्या यह है कि इस काले कारोबार परम अंकुश लगाने वाले विभाग के जिम्मेदार अधिकारी अपने निकम्मेपन के चलते अभी तक इस संबंध में कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पाए हैं।
जिला मुख्यालय के समीप इंदौर जैसे महानगर में बड़ी कार्रवाई के दौरान नकली घी के भंडाफोड़ ने शाजापुर जिले में भी जांच कारवाई की आवश्यकता को कई गुना बढ़ा दिया है। वहीं आश्चर्य की बात तो ये भी है कि वसूली पटेल बनकर सालभर जिले की दुकानों से लक्ष्मी सेवा प्राप्त करने के आरोपों से हमेशा कटघरे में घिरे रहने वाले खाद्य सुरक्षा विभाग के जिम्मेदार इंदौर के मामले के बावजूद त्योंहारी सीजन में भी जन स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वाली सामग्रियों पर अंकुश लगाने में नाकाम साबित हो रहे हैं। जो गंभीर चिंता का भी विषय है।
बाजारों में बिक रही मिलावटी खाद्य सामग्री सीधेतौर पर जन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक दिखाई दे रही है वहीं नकली घी के सेवन से लोगों में दिल के रोग, मोटापा, डायबिटीज, पाचन समस्याएं और कुछ तरह के कैंसर के भी खतरों की भी संभावनाएं बढ़ रही है। अब देखना सिर्फ यह है कि वसूली पटेलों पर इंदौर की कार्रवाई से हुए खुलासे का कुछ असर होता है या फिर हमेशा की तरह लक्ष्मी दर्शन के चक्कर में जन स्वास्थ्य से इसी तरह खिलवाड़ होता रहता है।
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(Udaipur Kiran) / मंगल नाहर