शिमला, 29 सितंबर (Udaipur Kiran) । नशे की समस्या से निपटने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार ‘नशा मुक्त हिमाचल अभियान’ शुरू करने जा रही है। यह एक राज्यव्यापी अभियान है, जिसका मुख्य उद्देश्य इस समस्या से निपटना है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने रविवार को यह घोषणा की।
उन्होंने बताया कि इस अभियान में नशे की रोकथाम, नशा करने वालों की शीघ्र पहचान और नशे की लत से पीड़ित लोगों को समाज में वापस लाने पर ध्यान केन्द्रित करते हुए त्रि-स्तरीय रणनीति बनाई गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार नशे की समस्या से निपटने के लिए प्रतिबद्ध है। यह समस्या हमारे समाज के लिए सबसे बड़े खतरों में से एक है, जो सार्वजनिक स्वास्थ्य, सामाजिक स्थिरता और आर्थिक कल्याण को प्रभावित करती है। हमारा प्रमुख उद्देश्य भावी पीढ़ियों को नशे के दलदल में फंसने से बचाना और अपने नागरिकों को नशे के विनाशकारी प्रभावों से बचाना है, ताकि राज्य का दीर्घकालिक सामाजिक और आर्थिक कल्याण सुनिश्चित हो सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार नशे की आपूर्ति को तुरंत नियंत्रित करने और इसकी मांग को कम करने के लिए उचित रणनीतियों और हस्तक्षेपों पर काम कर रही है। ‘नशा मुक्त हिमाचल अभियान’ में शिक्षा, स्वास्थ्य, पुलिस, ग्रामीण विकास, युवा सेवा एवं खेल तथा सूचना एवं जन संपर्क जैसे विभिन्न सरकारी विभागों सहित सभी प्रमुख हितधारकों को शामिल किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पंचायती राज संस्थाएं, शहरी स्थानीय निकाय, युवक मंडल, महिला मंडल और गैर सरकारी संगठनों सहित स्थानीय निकाय इस अभियान के दौरान लोगों में नशीली दवाओं के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता पैदा करने में जमीनी स्तर पर सक्रिय भूमिका निभाएंगे। औद्योगिक क्षेत्रों, राज्य की राजधानी, शैक्षणिक संस्थानों और नगर निगमों जैसे उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अभियान में जमीनी जागरूकता कार्यक्रमों के साथ-साथ व्यापक प्रचार के लिए सोशल मीडिया को भी शामिल किया जाएगा। प्रदेश सरकार पुनर्वास प्रयासों का समर्थन करने के लिए सरकारी अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में नशे की समस्या का समाधान करने के लिए परामर्श केंद्र स्थापित करने की योजना बना रही है। इन स्वास्थ्य केंद्रों में 5-10 बिस्तरों की क्षमता के साथ-साथ नैदानिक परीक्षण और संबंधित बीमारियों के उपचार की सुविधाएं भी होंगी। इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार नशे की लत में संलिप्त लोगों के पुनर्वास में अपने प्रयासों को मजबूत करने के लिए बुनियादी ढांचे को भी उन्नत कर रही है।
सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि नशीले पदार्थों से संबंधित अपराधों को रोकने पर विशेष बल दिया जा रहा है और इस अभियान को रणनीतिक मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए एक सलाहकार बोर्ड पहले ही स्थापित किया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग ने मादक पदार्थों की तस्करी और अवैध गतिविधियों से संबंधित मामलों को प्रभावी ढंग से निपटाने के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों की सहायता के लिए एक व्यापक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) प्रकाशित की है।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा