CRIME

दिल्ली-एनसीआर में ऑन डिमांड अफीम सप्लाई करने वाला तस्कर गिरफ्तार, 55 लाख रुपए की अफीम बरामद

आरोपी

-झारखंड से लेकर आता है अफीम

गाजियाबाद, 29 सितम्बर (Udaipur Kiran) । क्राइम ब्रांच पुलिस ने रविवार को झारखण्ड से तस्करी कर लाई जा रही लगभग 55 लाख रुपए कीमत की अफीम के साथ एक अन्तरराज्यीय तस्कर को गिरफ्तार किया है। एडीसीपी क्राइम ब्रांच सचिदानन्द ने बताया कि ग्राम केन्दुआ थाना गिधहोर जिला चतरा झारखण्ड निवासी मनीष यादव को 80 फुटा कट वजीराबाद रोड थाना शालीमार गार्डन क्षेत्र से झारखण्ड से तस्करी कर लाई जा रही 2.040 किलोग्राम अफीम के साथ गिरफ्तार किया गया। अफीम की कीमत अन्तरराष्ट्रीय बाजार में लगभग 55 लाख रूपये है।

पूछताछ पर मनीष यादव ने पुलिस को बताया कि वह झारखण्ड के चतरा जिला का रहने वाला है और बीए पास है तथा कैन्टर गाड़ी पर ड्राईवर का काम करता था। पूरे दिन काम के बाद सिर्फ 350 रुपये मिलते थे। कभी काम होता था, कभी नहीं होता था। जिससे परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा था। इसी बीच उसकी मुलाकात सकलदेव यादव से हुई जो उसके पड़ाेस के ग्राम का रहने वाला है। सकलदेव ने उसे बताया कि अफीम को झारखण्ड राज्य से दिल्ली एनसीआर, हरियाणा व पंजाब में ले जाकर देने पर प्रति चक्कर 20 हजार रुपये मिलेंगे। इस पर वह तैयार हो गया और एक दो बार किसी दूसरे व्यक्ति के साथ बरेली, बदायूँ, मुरादाबाद, गाजियाबाद, दिल्ली एनसीआर, पंजाब व हरियाणा आकर सप्लाई किया। जिसमें प्रति चक्कर उसे 20 हजार रुपये मिले तथा तस्करी करने से इकट्ठा हुए पैसो से मनीष स्वयं अवैध अफीम की तस्करी झारखण्ड से उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब व दिल्ली एनसीआर में जाकर करने लगा।

इस काम में उसको काफी फायदा होने लगा। अभियुक्त मनीष यादव ने बताया कि उसे अफीम की जितनी डिमाण्ड मिलती है उतना ही माल लेकर वह बस व ट्रेन बदल-बदल कर अलग-अलग रूट से आता है। जिस व्यक्ति को माल देना होता है उस व्यक्ति से बात करके मनीष डिलीवरी देने की जगह व समय पहले ही तय कर लेता है कि माल कहाँ, कब और कितने बजे देना है। जब मनीष माल लेकर चलता है तो किसी से सम्पर्क नहीं करता। जब तक कि माल को तयशुदा जगह पर पंहुचा न दे। इस बार माल की डिलिवरी गाजियाबाद दिल्ली बॉर्डर पर न्यू सीमापुरी बंगाली बस्ती दिल्ली में टीनू नाम के व्यक्ति को देनी थी। पूछताछ पर यह भी बताया कि वह पिछले कुछ समय से दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में अफीम की मांग बढ़ी है। यह काम वह पिछले एक वर्ष से कर रहा है एवं कई बार माल पहुंचा चुका है। मादक पदार्थों की तस्करी में कम समय में ज्यादा फायदा होता है, जिससे मनीष अपने शौक व घर के खर्चे पूरा करता है।

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(Udaipur Kiran) / फरमान अली

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