RAJASTHAN

सांचौर को जिला बनाए रखने की मांग को लेकर बंद सफल, पूर्व राज्यमंत्री का अनशन तुड़वाया, धरना जारी

संघर्ष समिति के आह्वान पर सांचाैर शहर पूरी तरह से बंद रहा।

जालाेर, 28 सितंबर (Udaipur Kiran) । सांचौर जिले को यथावत रखने की मांग को लेकर शनिवार काे ‘सांचौर जिला बचाओ संघर्ष समिति’ ने बंद का आह्वान किया था, जिसका जिलेभर में व्यापक असर देखने को मिला। सांचौर के अलावा जिले के सभी छोटे-बड़े कस्बे और बाजार भी पूरी तरह से बंद रहे। पिछले चार दिनों से अनशन पर बैठे 76 वर्षीय पूर्व राज्यमंत्री सुखराम बिश्नोई की मेडिकल जांच में कीटोन प्लस 3 पाया गया। ऐसे में धरने में मौजूद लोगों ने उनसे अपील की कि स्वास्थ्य को देखते हुए अनशन तोड़ दें, लेकिन धरना जारी रखें। इसके बाद, शनिवार दोपहर तीन बजे कलेक्टर शक्ति सिंह ने पूर्व मंत्री सहित अन्य को जूस पिलाकर अनशन तुड़वाया।

पिछले साल अगस्त में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 19 नए जिलों की घोषणा की। इनमें सांचौर भी था। ऐलान के बाद इलाके में खुशी की लहर दौड़ गई। विधानसभा चुनाव में गहलोत सरकार को हार का सामना करना पड़ा। भाजपा की सरकार आई। नए जिलों के रिव्यू के लिए कैबिनेट सब-कमेटी बनाई गई। कहा जा रहा है कि नए बने छोटे जिलों पर संकट आ सकता है। ऐसे में सांचौर को जिला बनाए रखने की मांग को लेकर चार दिन से धरना-प्रदर्शन जारी है। शनिवार को प्रदर्शन का चौथा दिन था। संघर्ष समिति के आह्वान पर शहर पूरी तरह से बंद रहा। जिला मुख्यालय पर कलेक्ट्रेट के बाहर हजारों की संख्या में लोग धरने पर बैठे हैं। धरना स्थल नजर रखने के साथ ही हाईवे पर जाम की आशंका के मद्देनजर प्रशासन अलर्ट मोड पर रहा। मुख्य बाजार से लेकर छोटे-बड़े कस्बे, निजी अस्पताल और निजी स्कूलों से लेकर सरकारी स्कूलें भी बंद रही। छात्रों ने भी स्कूलों के बाहर और रैली निकालकर विरोध-प्रदर्शन किया।

धरने के दौरान पूर्व मंत्री सुखराम बिश्नोई सहित कई अन्य नेता और सामाजिक कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट के बाहर जिले को यथावत रखने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान सुखराम बिश्नोई की तबीयत लगातार बिगड़ रही है और डॉक्टरों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी है, लेकिन उन्होंने धरना स्थल छोड़ने से इनकार कर दिया है। शनिवार दोपहर तीन बजे मेडिकल जांच में कीटोन प्लस 3 पाया गया। ऐसे में धरने में मौजूद लोगों ने उनसे अपील की कि स्वास्थ्य को देखते हुए अनशन तोड़ दें, लेकिन धरना जारी रखें। इसके बाद, कलेक्टर शक्ति सिंह ने पूर्व मंत्री सहित अन्य को जूस पिलाकर अनशन तुड़वाया।

सांचौर के अलावा जिले के अन्य छोटे-बड़े कस्बों और बाजारों में भी बंद का व्यापक असर देखा गया। निजी स्कूलों ने छुट्टी की घोषणा की, जबकि सरकारी स्कूलों के छात्र अपने स्कूलों के मुख्य द्वार पर ताले लगाकर विरोध-प्रदर्शन करते रहे। इस आंदोलन में बच्चे भी सक्रिय रूप से भागीदारी कर रहे हैं और जिले को बनाए रखने के समर्थन में सड़कों पर उतरे। बंद और धरना प्रदर्शन को देखते हुए जिले में प्रशासन और पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए। जिला प्रशासन हालात पर कड़ी नजर बनाए हुए है और किसी भी अप्रिय घटना को टालने के लिए सतर्क रहा। जिला कलेक्टर शक्ति सिंह ने स्थिति पर निगरानी रखने के लिए दो कार्यपालक मजिस्ट्रेट नियुक्त किए।

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(Udaipur Kiran) / रोहित

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