जोधपुर, 28 सितम्बर (Udaipur Kiran) । डॉक्टर हेडगेवार संघ कार्यालय में घुमंतू जातियों की एक बैठक संपन्न हुई। बैठक में राजस्थान सरकार द्वारा विमुक्त, घुमंतू एवं अर्ध-घुमंतू जातियों के भूमिहीन परिवारों के लिए जारी किए गए पट्टों और अन्य सरकारी योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में जोधपुर के विभिन्न क्षेत्रों से आए कई पदाधिकारी और समाज से जुड़े व्यक्तियों ने भाग लिया।
राजस्थान सरकार वर्तमान में विमुक्त, घुमंतू एवं अर्ध-घुमंतू जनजातियों के लिए कई योजनाओं और कार्यक्रमों को राज्य स्तर पर प्रभावी रूप से लागू कर रही है। इस बैठक का आयोजन महानगर संयोजक लूणाराम सैन के नेतृत्व में हुआ, जिसमें राजस्थान क्षेत्रीय घुमंतू कार्य प्रमुख महेंद्र सिंह और विभाग संयोजक बुधराम की विशेष उपस्थिति रही। बैठक में योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन और इन्हें घुमंतू जनजातियों तक कैसे पहुंचाया जा सकता है, इस पर विशेष चर्चा की गई। महेंद्र सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि घुमंतू जातियों के सामने सबसे बड़ी चुनौती सूचनाओं और योजनाओं के बारे में जानकारी की कमी है। जागरूकता के अभाव में ये जातियां सरकार की योजनाओं का पूरा लाभ नहीं उठा पा रही हैं। इन्होंने ज़ोर देकर कहा कि समाज के प्रभुत्व वाले जागरूक व्यक्तियों को इन योजनाओं की जानकारी होनी चाहिए, ताकि वे अपने समाज के लोगों को जागरूक कर उन्हें इन योजनाओं का लाभ दिला सकें। उन्होंने यह भी कहा कि घुमंतू जनजातियों को अपनी सांस्कृतिक पहचान को संरक्षित रखते हुए, वर्तमान समय के अनुसार आधुनिक परिवेश में ढलने की आवश्यकता है। तभी वे समाज की मुख्यधारा से जुडक़र अपने अधिकारों और सुविधाओं का समुचित लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
महानगर संयोजक लूणाराम ने इस अवसर पर समरसता पखवाड़े के अंतर्गत विभिन्न सामाजिक ववर्गों को एक मंच पर लाने और आपसी विचार-विमर्श का आयोजन करने पर बल दिया। उन्होंने विशेष रूप से नवरात्रि उत्सव के अवसर पर कन्या पूजन जैसे महत्वपूर्ण कार्यों को आयोजित करने का सुझाव दिया, जिससे समरसता और एकता को बढ़ावा मिल सके। उन्होंने कहा कि अन्य वर्गों को भी इस प्रक्रिया में शामिल कर हमें समाज में समरसता का भाव विकसित करना चाहिए।
बैठक का मुख्य उद्देश्य घुमंतू और अर्ध-घुमंतू जनजातियों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाना और उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोडऩा था। इसके लिए जागरूकता बढ़ाने और समाज में एकता के भाव को प्रबल करने पर ज़ोर दिया गया।
(Udaipur Kiran) / सतीश