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योगा इंस्टेक्टर के पद पर कार्यरत अभ्यर्थियों को बोनस अंक देने की मांग खारिज

jodhpur

-आयुष कंपाउंडर/नर्स नियमित भर्ती 2023 का मामला: हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की मांग को किया अस्वीकार

जोधपुर, 28 सितम्बर (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने आयुष नर्सिंग भर्ती 2023 के केस में योगा इंस्ट्रेक्टर के पद पर कार्यरत अभ्यर्थियों को बोनस अंक देने की मांग को खारिज कर दिया है। योगा इंस्ट्रेक्टर्स ने बोनस अंक की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर रख थी। इस याचिका पर हाईकोर्ट जस्टिस फरजंद अली की कोर्ट ने गत बीस सितंबर को दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। उसके बाद हाईकोर्ट ने इस केस में रिपोर्टेबल जजमेंट सुनाते हुए याचिकाकर्ताओं की मांग को अस्वीकार कर दिया। यह भर्ती एक हजार से ज्यादा पदों से जुड़ी है।

केस में राज्य सरकार की ओर से पैरवी करते हुए अतिरिक्त महाअधिवक्ता नरेंद्र राजपुरोहित ने बताया कि योगा इंस्ट्रेक्टर प्रतिदिन महज एक घंटे के लिए कार्य करने लिए स्वेच्छिक सेवा पर कार्यरत हैं। उनका कार्य आयुष नर्सिंग के समरूप नहीं है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता यशपाल खिलेरी ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी एक आदेश कोर्ट के समक्ष पेश किया। उसमें यह निर्धारित किया गया था कि जिसने भी उक्त विभाग के अंतर्गत कोविड काल में कार्य किया है उन्हें बोनस अंक दिए जाए।

इसके खिलाफ पैरवी करते हुए डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन आयुर्वेद विश्वविद्यालय के अधिवक्ता सुनील पुरोहित ने कोर्ट को बताया कि आयुर्वेद विभाग और चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग दोनों अलग-अलग हैं। ऐसे में यह आदेश आयुष विभाग पर प्रभावी नहीं होता। कोर्ट ने आयुर्वेद विश्वविद्यालय के अधिवक्ता सुनील पुरोहित और अतिरिक्त महाधिवक्ता नरेंद्र राजपुरोहित के तर्कों से सहमत होते हुए याचिकाकर्ताओं को बोनस देने से इनकार कर दिया। यह आदेश आने के बाद साल 2023 से नियुक्ति का इंतजार कर रहे आयुष नर्सिंग अभ्यर्थियों को बड़ी राहत मिल गई है। इससे उनकी नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है।

उल्लेखनीय है कि पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आयुष वेलनेस सेंटर पर सीएचओ और योग प्रशिक्षकों की अस्थाई स्वेच्छिक सेवा के तहत भर्ती की थी। इस योजना में योग प्रशिक्षक आयुष वेलनेस केंद्र पर प्रतिदिन एक घंटा योग अभ्यास करवाने के लिए नियुक्त हुए थे। इन पदों पर नियुक्ति के लिए योग्यता में योगा डिप्लोमा होल्डर और योग में स्नातक सहित आयुष नर्सिंग के अभ्यर्थियों को भी सम्मिलित किया गया था। उसके कारण आयुष नर्सिंग अभ्यर्थी योग प्रशिक्षक के रूप में अस्थाई रूप से नियुक्त हुए थे।

(Udaipur Kiran) / सतीश

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