लखनऊ, 28 सितम्बर (Udaipur Kiran) । योगी सरकार ने छात्रों में कौशल विकास को निखारने और युवाओं को भविष्य के लिए तैयार करने हेतु ‘प्रोजेक्ट प्रवीण’ कार्यक्रम के तहत इस साल एक लाख विद्यार्थियों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य निर्धारित किया है। शैक्षिक सत्र 2024-25 में इस योजना का विस्तार करते हुए इसे प्रदेश भर के चयनित माध्यमिक विद्यालयों में लागू किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि प्रोजेक्ट प्रवीण न केवल प्रदेश के युवाओं को आवश्यक कौशल प्रदान कर रहा है, बल्कि उन्हें रोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त करने में भी सक्षम बना रहा है। सरकार का उद्देश्य युवाओं को आत्मनिर्भर बनाकर उन्हें प्रदेश के विकास में सहयोगी बनाना है।
प्रदेश के व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की संकल्पना के अनुरूप कौशल प्रशिक्षण को औपचारिक शिक्षा से जोड़ने के लिए प्रोजेक्ट प्रवीण के अन्तर्गत राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत छात्रों व कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में अध्ययनरत छात्राओं को निःशुल्क कौशल प्रशिक्षण की सुविधा उनके नियमित पाठ्यक्रम के साथ उपलब्ध कराई जा रही है। अब तक 315 राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत 63,000 से अधिक छात्र और छात्राओं को कौशल प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों को प्रतिदिन 90 मिनट की अवधि का अल्पकालिक कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों को व्यावसायिक कौशलों से सुसज्जित करना है, ताकि वे रोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त कर सकें और आत्मनिर्भर बन सकें। प्रोजेक्ट प्रवीण की शुरुआत वर्ष 2022-23 में की गई थी, और इसकी सफलता को देखते हुए इसे नए वित्तीय वर्ष 2024-25 में और विस्तारित किया जा रहा है।
कौशल विकास मिशन निदेशक अभिषेक सिंह ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा विभाग के सहयोग से प्रदेश के विभिन्न जिलों के चयनित विद्यालयों में यह कार्यक्रम संचालित किया जाएगा। इस संबंध में सभी जिलों के समन्वयकों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। कार्यक्रम के तहत प्रत्येक विद्यालय में अधिकतम दो अलग-अलग जॉब रोल का चयन किया जाएगा। हर बैच में 35 विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा और विद्यार्थियों की संख्या के आधार पर एक या दो जॉब रोल का चयन किया जा सकता है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जिन सेक्टरों में रोजगार की अधिक संभावनाएं हैं और जिनमें विद्यार्थियों की रुचि है, उन्हें प्राथमिकता दी जाए।
इस योजना में महिला सशक्तीकरण को भी प्रमुखता देते हुए अधिक से अधिक बालिकाओं को इस कौशल विकास योजना से जोड़ने के लिए बालिका विद्यालयों का चयन प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा। महिला छात्रों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में यह योजना विशेष रूप से लाभकारी सिद्ध होगी। इसके अतिरिक्त, विद्यार्थियों को नियमित रूप से इस कार्यक्रम में सम्मिलित करने के लिए विद्यालय प्रशासन से समन्वय स्थापित किया जाएगा। इसके तहत विद्यालयों की समय सारिणी में आवश्यक बदलाव किए जाएंगे, ताकि प्रशिक्षण कार्यक्रम बिना किसी बाधा के संचालित हो सके। साथ ही, विद्यालयों के प्रधानाचार्यों और शिक्षकों को इस कार्यक्रम की जानकारी देकर उन्हें विद्यार्थियों को प्रेरित करने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
(Udaipur Kiran) / उपेन्द्र नाथ राय