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राष्ट्रीय लोक अदालत का हुआ आयोजन, 540 केसों का किया गया निष्पादन, 99 लाख 97 हजार 814 रूपए की हुई वसूली

मौके पर मौजूद लोग

लोहरदगा, 28 सितंबर (Udaipur Kiran) । राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन शनिवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सौजन्य से सिविल कोर्ट परिसर में किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह डालसा अध्यक्ष राजकमल मिश्रा, प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय सुभाष, उपायुक्त डॉ बाघमारे प्रसाद कृष्ण, डीडीसी दिलीप प्रताप सिंह शेखावत, जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष प्रमोद कुमार पुजारी सहित अन्य पदाधिकारियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया।

जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव राजेश कुमार ने बताया कि इस बार राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 540 केसों का निष्पादन किया गया जबकि 99 लाख 97 हजार 814 रुपये की वसूली अर्थदंड के रूप में की गई। निस्तारित किए गए वादों में कुल 218 वाद विभिन्न न्यायालयों में लंबित थे। बताया गया कि इस बार राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल छह बेंचो का गठन किया गया था।

बेंच संख्या-1 मोटर वाहन दुर्घटना, पारिवारिक विवाद, सिविल अपील, बिजली जैसे वादों के केस निपटारे के लिए एडीजे प्रथम अरविंद कुमार तिवारी के नेतृत्व में गठित किया गया। बेंच संख्या-2 क्रिमिनल कंपाउंडेडल केसेज, माइंस एंड मिनरल्स, एक्साइज केसेज, एनआई एक्ट, मिनिमम वेजेस एक्ट जैसे वादों के निपटारे के लिए सीजेएम सह एसीजेएम सिविल जज सीनियर डिविजन द्वितीय कृष्ण कांत मिश्रा, बेंच संख्या-3 एमवी एक्ट, म्युनिसिपल लॉ, रेवेन्यू केसेज जैसे वादों के लिए निपटारों के लिए एसडीजेएम अमित कुमार गुप्ता, बेंच संख्या-4 बैंक संबंधी मामलों के लिए सब जज द्वितीय अर्चना कुमारी, बेंच संख्या-5 ग्रामीण बैंक से संबंधित मामलों के लिए प्रधान मजिस्ट्रेट जया स्मिता कुजूर व बेंच संख्या-6 कंज्यूमर फोरम से संबंधित मामलों के लिए कंज्यूमर फोरम सदस्य नन्दलाल प्रसाद के नेतृत्व में गठन किया गया।

पीडीजे ने कहा कि लोक अदालत में छोटे-छोटे मामलों का निष्पादन किया जाता है। एक दिन में ही मामला समाप्त हो जाता है, जिसमें समय की काफी बचत होती है। उपायुक्त ने कहा कि यह एक अत्यंत ही कल्याणकारी योजना है। लोग छोटे-छोटे वादों में उलझ जाते हैं, जिससे उनके जीवन का बड़ा हिस्सा उलझ जाता है। समय के साथ पैसे भी व्यर्थ जाता है। इन सबसे बचने में आयोजन काफी सहायक है। इसमें आपसी वादों को आपसी समझौते से समाप्त किया जाता है।

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(Udaipur Kiran) / गोपी कृष्ण कुँवर

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