Delhi

दिल्ली सरकार निवेशकों को देगी सिंगल विंडो की सुविधा

फाइल फोटो

नई दिल्ली, 28 सितंबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली सरकार ने निवेशकों का विश्वास बढ़ाने और लालफीताशाही खत्म करने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम (एसडब्ल्यूएस) की शुरुआत की है। दिल्ली के उद्योग मंत्री सौरभ भारद्वाज के अनुसार, 12 विभागों की 59 सेवाओं को शामिल करते हुए सिंगल विंडो सिस्टम का उद्देश्य नियमों को और अधिक प्रभावी बनाना और प्रोजेक्ट को समय सीमा में तेजी से पूरा करना और निवेशकों के लिए अनुकूल माहौल तैयार करना है।

सौरभ भारद्वाज ने शनिवार को कहा कि व्यापारिक नियम प्रक्रिया को सरल बनाना और ई-सेवा प्रदान करने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी को लागू करना पिछले दशक में व्यापार सुधारों का मुख्य आधार रहा है। ऑनलाइन माध्यमों के जरिए देश में अधिक खुला और पारदर्शी व्यापारिक वातावरण बनाया गया है। उन्होंने कहा कि किसी भी नए व्यवसाय को शुरू करने के लिए एक निवेशक को कई सरकारी एजेंसियों से विभिन्न स्तरों पर कई लाइसेंस और मंजूरी प्राप्त करनी होती है। इन सेवाओं की जानकारी विभिन्न अधिनियमों, नियमों और विनियमों में बंटी हुई होती है और कई जगहों पर फैली होती है। सिंगल विंडो सिस्टम की शुरुआत के साथ नियमों में काफी सुधार हुआ है और अनुमोदन प्रक्रिया अधिक सुगम हुई है।

उन्होंने कहा कि सिंगल विंडो सिस्टम वास्तव में एक ऐसा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है, जहां निवेशक राज्य के सभी संबंधित विभागों से सीधे संवाद कर सकते हैं। यह निवेशकों के लिए सिंगल इंटरफ़ेस के रूप में काम करता है, जिसके जरिए वह राज्य द्वारा समय-समय पर निर्धारित सभी कानूनी मंजूरियों के लिए आवेदन कर सकते हैं। सिंगल विंडो सिस्टम के कार्यान्वयन से व्यवसाय लगाने के लिए जरूरी सूचनाएं और लेनदेन संबंधी सेवाएं प्राप्त करने में निवेशकों को आसान हो जाता है।

उद्योग मंत्री ने बताया कि अब तक सिंगल विंडो सिस्टम प्लेटफॉर्म पर 12 संबंधित विभागों से 59 सेवाएं जोड़ी जा चुकी हैं। इसमें विशेष रूप से दिल्ली सरकार के 7 संबंधित विभागों से 37 सेवाएं शामिल की गई हैं, जिनमें श्रम विभाग, नगर निगम विभाग, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति, माप एवं तौल, दिल्ली जल बोर्ड, (पावर डिस्कॉम्स) टाटा पावर, बीएसईएस, बीआरपीएल और उद्योग विभाग शामिल हैं। ये सभी सेवाएं विकास योजना के पहले चरण में सिंगल विंडो सिस्टम पर शामिल की गई हैं।

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि विकास के दूसरे चरण में 5 संबंधित विभागों से 22 सेवाएं शामिल की गई हैं, जिनमें ड्रग और नियंत्रण विभाग, व्यापार एवं कर विभाग, उत्पाद शुल्क, मनोरंजन और लग्जरी टैक्स विभाग, डीएसआईआईडीसी और जीएसडीएल शामिल हैं। इनमें से 27 सेवाएं सिंगल विंडो सिस्टम पोर्टल पर ‘लाइव’ की गई हैं।

सिंगल विंडो सिस्टम का स्कोप

– सिंगल विंडो को लागू करना एक निरंतर प्रयास है। एक प्रभावी ऑनलाइन सिंगल विंडो में निम्नलिखित विशेषताएं होनी चाहिए-

– आवेदन जमा करने (ऑनलाइन/ऑफ़लाइन, निरीक्षण आदि) से लेकर आवेदन की मंजूरी तक सभी लागू चरणों को कवर करने वाला विस्तृत शुल्क और प्रक्रिया पोर्टल पर प्रकाशित की गई है। प्रक्रिया में विभाग के अंदर आवेदन को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किया जाना चाहिए।

– उद्यमियों को आवेदन पत्र भरने, दस्तावेज़ अपलोड करने और आवेदन पत्र ऑनलाइन जमा करने में सक्षम होना चाहिए। साथ ही शुल्क भुगतान भी ऑनलाइन करने की सुविधा होनी चाहिए।

– आवेदनों को अप्रूवल देने वाले प्रत्येक विभाग या एजेंसी द्वारा प्रोसेसिंग और मंजूरी मैन्युअल के बजाय ऑनलाइन किया जाता है।

– ऑनलाइन आवेदन स्थिति ट्रैकिंग प्रणाली।

– आवेदन प्रक्रिया के महत्वपूर्ण चरणों पर सूचनाएं भेजी जाएंगी। जैसे आवेदन और क्वेरी सबमिशन, विभिन्न स्तरों पर आवेदन अनुमोदन या अस्वीकृति, क्वेरी सबमिशन और प्रतिक्रिया आदि एसएमएस गेटवे और ईमेल को एकल-खिड़की प्रणाली के साथ एकीकृत किया जा रहा है।

– अप्रूवल के बाद उपयोगकर्ता पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन ही अप्रूवल या रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकता है।

– सक्षम प्राधिकारी द्वारा दी गई मंजूरी या पंजीकरण की प्रामाणिकता को थर्ड पार्टी भी सत्यापन कर सकता है।

सिंगल विंडो सिस्टम के फायदे

– निवेशकों को एक ही प्लेटफॉर्म पर विभिन्न विभागों से कई मंजूरी और अनुमोदन के लिए आवेदन करने की सुविधा देना, ताकि उन्हें अलग-अलग विभागीय पोर्टलों पर व्यक्तिगत रूप से आवेदन करने की आवश्यकता न पड़े। इस प्रणाली के माध्यम से उपयोगकर्ता को विभिन्न विभागों के पोर्टलों पर फिर से पंजीकरण नहीं करना होगा।

– सभी ऑनबोर्ड किए गए विभाग सार्वजनिक सेवा गारंटी अधिनियम में निर्धारित समय सीमा के भीतर अनुरोधित मंजूरी/सेवाएं प्रदान करने के लिए बाध्य हैं।

– यह सिस्टम निवेशकों अपने आवेदन को ऑनलाइन डैशबोर्ड के जरिए उसकी स्थिति को ट्रैक करने की सुविधा देता है।

– दिल्ली सरकार के एसडब्ल्यू के पास अपने उपयोगकर्ताओं के लिए पैन-आधारित सत्यापन का फिचर भी है, जिससे सिस्टम में प्रामाणिक और वैध पैन आईडी वाले उपयोगकर्ताओं की पहचान की जा सकेगी।

– इस ऑनलाइन पोर्टल का बीटा वर्जन 30 सितंबर 2024 को दोपहर 12 बजे दिल्ली सचिवालय के कॉन्फ्रेंस हॉल नंबर-1 लॉन्च किया जाएगा। लांचिंग प्रोग्राम में कुछ हितधारकों को भी बुलाया गया है। उद्योग विभाग इस मुद्दे पर संक्षिप्त प्रजेंटेशन देगा।

—————

(Udaipur Kiran) / कुमार अश्वनी

Most Popular

To Top