जौनपुर, 28 सितंबर (Udaipur Kiran) । विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने शनिवार को कलेक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन करके महामहिम राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा।विश्व हिंदू परिषद के जिलाध्यक्ष विमल सिंह ने कहा कि तिरुपति बालाजी मंदिर में वितरित होने वाले महाप्रसाद में आस्थावान हिंदुओं की बहुत श्रद्धा होती है। दुर्भाग्य से इस महाप्रसाद को बनाने वाले घी में गाय व सूअर की चर्बी तथा मछली के तेल की मिलावट के अत्यंत दुखद और हृदय विदारक समाचार आ रहे हैं। पूरे देश का हिंदू समाज आक्रोशित है। हिंदुओं का क्रोध अलग-अलग रूप में प्रकट हो रहा है।
उन्हाेंने कहा कि इस पवित्र तीर्थ का संचालन आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा स्थापित बोर्ड के द्वारा होता है। वहां केवल महाप्रसाद बनाने के मामले में ही हिंदू आस्थाओं के साथ खिलवाड़ नहीं किया गया अपितु हिंदुओं के द्वारा अत्यंत श्रद्धा भाव से अर्पित की गई देव राशि (चढ़ावा) के सरकारी अधिकारियों व राजनेताओं द्वारा दुरुपयोग के भी कष्टकारी समाचार मिलते रहते हैं। कई बार तो हिंदुओं के धर्म पर आघात कर हिंदुओं का धर्मांतरण करने वाली संस्थाओं को इस पवित्र राशि से अनुदान देने के समाचार भी मिलते रहे हैं। कई अन्य राज्य सरकारें भी मंदिरों की संपत्ति व आय का निरंतर दुरुपयोग करती रहती हैं। उनका उपयोग गैर हिंदू और हिंदू विरोधी कार्यों में करती रही हैं। हमारे देश में संविधान के सर्वोपरि होने की दुहाई बार-बार दी जाती है। परंतु दुर्भाग्य से हिंदुओं की आस्थाओं के केंद्र मंदिरों पर विभिन्न सरकारें अपना नियंत्रण स्थापित कर हिंदुओं की भावनाओं के साथ सबसे घृणित धोखाधड़ी संविधान की आड़ में ही कर रही हैं।
अपने निहित स्वार्थ के कारण मंदिरों का अधिग्रहण कर वे संविधान की धारा 12, 25 व 26 का खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन कर रही हैं। क्या स्वतंत्रता प्राप्ति के 77 वर्ष बाद भी हिंदुओं को अपने मंदिरों का संचालन करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। अल्पसंख्यकों को अपने धार्मिक संस्थान चलाने की अनुमति है। परंतु हिंदू को यह संविधान सम्मत अधिकार क्यों नहीं दिया जा रहा ? यह सर्व विदित है कि मुस्लिम आक्रमणकारियों ने मंदिरों को लूटा और नष्ट किया था। तिरुपति बालाजी व अन्य स्थानों पर की जा रही अनियमितताओं के कारण अब हिंदू समाज काे यह विश्वास हो गया है कि अपने मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराए बिना उनकी पवित्रता को पुनर्स्थापित नहीं किया जा सकता। इसलिए राज्य सरकार को उनके द्वारा नियंत्रित सभी हिंदू मंदिर अविलंब मुक्त करके हिंदू संतों व भक्तों को एक निश्चित व्यवस्था के अन्तर्गत सौंपने के लिए प्रेरित किए जाने की आवश्यकता है।
इस व्यवस्था का प्रारूप पूज्य संतों ने कई वर्षों के चिंतन मनन व चर्चा के बाद निर्धारित किया है। इस प्रारूप का सफलतापूर्वक उपयोग कई जगह किया भी जा रहा है।
इस मौके पर विभाग अध्यक्ष उदयराज सिंह, मंत्री समरबहदुर सिंह, विभाग संयोजक बजरंग दल आशुतोष, जिलाअध्यक्ष विमल सिंह, मंत्री सुनील मौर्या, जिला संयोजक बजरंग दल गणेश मोदनवाल, सह संयोजक शिवम अग्रहरि, शंकर वन कुटी से संत राम बाबा, विभाग संगठन मंत्री सत्येंद्र और आशीष मिश्रा आदि लोग रहे।
(Udaipur Kiran) / विश्व प्रकाश श्रीवास्तव