धर्मशाला, 28 सितंबर (Udaipur Kiran) ।
अपने परिवार के लिए सुरक्षित और मजबूत घर बनाना हर व्यक्ति का सपना होता है, लेकिन अक्सर देखा जाता है कि घर बनाते समय सुरक्षित निर्माण की तरफ ध्यान नहीं देने की वजह से विकट परिस्थितियों में घर ही जीवन के लिए खतरा बन जाता है। इसलिए घर बनाने के पूर्व उसकी सुरक्षा और मजबूती से जुड़े हर पहलू पर कार्य करना जरूरी है। समर्थ-2024 के तहत सुरक्षित भवन निर्माण को लेकर दस्तक अभियान का शुभारंभ करते हुए उपायुक्त हेमराज बैरवा ने यह बात कही। शनिवार को दस्तक अभियान के पैम्फलेट को लॉन्च करते हुए उपायुक्त ने सुरक्षित भवन निर्माण पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण 13 अक्तूबर तक घर-घर दस्तक देकर लोगों को सुरक्षित भवन निर्माण के बारे में जागरूक करेगा। उन्होंने कहा कि हमारा क्षेत्र भुकंप और अन्य प्राकृतिक आपदाओं को लेकर अति संवेदनशील है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि भूकंप जान नहीं लेते, बल्कि इमारतें जान लेती हैं। इन सभी बातों को देखते हुए सुरक्षित और सुदृढ़ निर्माण अति आवश्यक हो जाता है। यह ध्यान रखा जाना भी जरूरी है कि यदि हमारे निर्माण के स्थान का चयन उपयुक्त हो और निर्माण में बुनियादी नियमों का ध्यान रखा जाए तो हम आपदाओं से होने वाले नुकसान को व्यापक रूप से कम कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि भवन निर्माण के लिए कुछ बातों पर ध्यान देना जरूरी है जैसे कि घर बनाने के लिए भूमि का चयन करते समय कोशिश करें कि वह नदी, नालों, सीधी पहाड़ियों से दूर हो और ऐसी भूमि को भी न चुने जिसमें पानी की मात्रा ज्यादा हो। घर बनाने से पहले मिट्टी की जांच कराएं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वह स्थिर और सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि जहां तक संभव हो, घर बनाते समय किसी कुशल अभियंता (इंजीनियर) से सलाह लेना आवश्यक है। यदि किसी अभियंता से सलाह ले पाने में आप सक्षम नहीं हैं, तो प्रयास करें कि घर का निर्माण किसी प्रशिक्षित मिस्त्री से ही करवाएं। प्रशिक्षित मिस्त्री आपको सुरक्षित और सुदृढ़ निर्माण में मदद कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि आम जनमानस के लिए सुरक्षित भवन निर्माण में सुविधा देने के लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, हर पंचायत से 5-5 मिस्त्रियों को प्रशिक्षित कर रहा है। ऐसे इच्छुक अपने नजदीकी खंड विकास अधिकारी के दफ्तर से इनका विवरण प्राप्त कर सकते हैं और सुरक्षित भवन निर्माण में इनकी सहायता ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि निर्माण के दौरान सुरक्षा मानकों का पालन करें।
(Udaipur Kiran) / सतिंदर धलारिया