Uttar Pradesh

धैर्य से प्रशस्त होता है सफलता का मार्ग : आनंदीबेन पटेल

जीवन को सफल और खुशहाल बनाने के लिए अनुशासन जरूरी: आनंदीबेन पटेल

कानपुर, 27 सितम्बर (Udaipur Kiran) । जीवन में सफलता पाने के लिए बहुत से उतार चढ़ाव आते हैं, लेकिन उससे घबराना नहीं चाहिये। सफलता का मार्ग सदैव धैर्य से ही प्रशस्त होता है। इसके साथ ही अनुशासन भी अहम कड़ी है, जिसके जरिये अपने जीवन को और अधिक सफल व खुशहाल बनाया जा सकता है। यह बातें शुक्रवार को कानपुर में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने एचबीटीयू के छठे दीक्षांत समारोह में कही।

हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय (एचबीटीयू) का छठा दीक्षांत समारोह शुक्रवार को आयोजित हुआ। एचबीटीयू वेस्ट कैंपस में आयोजित समारोह की अध्यक्षता कुलाधिपति और प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने किया। समारोह के दौरान मेधावी छात्र-छात्राओं को 48 पदक प्रदान किए गए, जिनमें 04 कुलाधिपति पदक और 44 कुलपति पदक थे। बी.टेक पेंट टेक्नोलॉजी की सौम्या खंडेलवाल, बी.टेक केमिकल इंजीनियरिंग के शिवांशु कुशवाहा, बी.टेक प्लास्टिक टेक्नोलॉजी की मुस्कान सिंह और बी.टेक इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के अमर्त्य यादव को कुलाधिपति स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक प्रदान किए गए। कुलपति पदक में 15 स्वर्ण, 14 रजत और 15 कांस्य शामिल थे। चार कुलाधिपति पदक और 44 कुलपति पदक दिए गए। दीक्षांत समारोह के दौरान स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट (बी.टेक, एम.टेक, एम.बी.ए,एम.एससी. और पीएचडी) पाठ्यक्रमों के 899 छात्र-छात्राओं को उपाधि प्रदान की गई। पदक और ​उपाधियां पाकर छात्रों के चेहरे खुशी से लाल हो गये और गुरुजनों का आर्शीवाद लिया।

राज्यपाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन किए गए तीन परम रुद्र सुपर कंप्यूटरों के शुभारंभ के बारे में भी बताया, जो पुणे, दिल्ली और कोलकाता में स्थित है। इन सुपर कंप्यूटरों का उपयोग लोगों के सशक्तिकरण के लिए उपयोग किए जाने वाले तकनीकी उन्नयन के विकास के लिए किया जाएगा। उन्होंने बहु-विषयक शोध के बारे में भी बताया और विद्यार्थियों को बहुत अच्छे कॉरपोरेट घरानों द्वारा इंटर्नशिप की सुविधा प्रदान करने संबंधी सरकारी योजना के बारे में जानकारी दी। आगे कहा कि प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा करने पर विद्याथिर्यों को इन कंपनियों द्वारा नियोजित किया जाएगा।

समारोह में मुख्य अतिथि के रुप में आईआईटी के निदेशक प्रो. मणींद्र अग्रवाल शामिल रहे। उन्होंने बताया कि तकनीकी युग में हमारे सामने चुनौती है। ऐसी स्थितियों में युवाओं को अपना मूल स्वभाव नहीं बदलना चाहिए। मुख्य अतिथि पद्मश्री प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ने सभी डिग्री प्राप्तकर्ताओं कों बधाई दी और खुद को एक सफल पेशेवर के रुप में विकसित करने और भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में सक्रिय योगदान देने के लिए आधुनिक उपकरणों के उपयोग पर जोर दिया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सर्वश्रेष्ठ शोधकर्ताओं और स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा शीर्ष वैज्ञानिकों के रुप में चुने गए विश्वविद्यालय के 06 संकाय सदस्यों को भी प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।

राज्यपाल ने वितरित की किट

बुनियादी शिक्षा को मजबूत करने के लिए राज्यपाल ने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को आंगनबाड़ी के बच्चों के लिए विभिन्न उपयोगी वस्तुओं से युक्त किट वितरित किया। इसके अलावा विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए पांच अलग-अलग गांवों (बरहट बांगर, बरहट कछार, टिक्कनपुरवा, तातियागंज और महाराजपुर) के पांच अलग-अलग प्राथमिक विद्यालयों के 30 छात्रों को प्रेरणादायी पुस्तकें भी वितरित की गईं। इन गोद लिए गए गांवों के प्राथमिक विद्यालयों में खेल, निबंध लेखन, कला और शिल्प आदि से संबंधित विभिन्न प्रकार की प्रतिस्पर्धी गतिविधियों का आयोजन किया गया और विजेताओं को कुलाधिपति द्वारा दीक्षांत समारोह मे पुरस्कृत भी किया गया।

(Udaipur Kiran) / रामबहादुर पाल

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