प्रयागराज, 27 सितम्बर (Udaipur Kiran) । भाषा एक सम्प्रेषण का माध्यम है। पशु-पक्षियों की भी अपनी एक भाषा होती है। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी, सुभाष चन्द्र बोस आदि लोगों ने हिन्दी को सम्पर्क की भाषा बनाने पर जोर दिया। यह बातें हिन्दी विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सहायक आचार्य डॉ. अमितेश कुमार ने कही।
शुक्रवार को ईश्वर शरण डिग्री कॉलेज के हिन्दी विभाग, भाषा केन्द्र एवं आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के संरक्षण में हिन्दी पखवाड़ा के समापन पर महाविद्यालय के निर्मला देशपाण्डे सभागार में बतौर मुख्य वक्ता डॉ. अमितेश कुमार ने ‘‘एक भाषा हुआ करती है’’ विषय पर विचार व्यक्त किये।
मुख्य वक्ता ने उदय प्रकाश की एक कविता ‘एक भाषा हुआ करती है’ पर जोर देते हुए कहा कि हिन्दी के अतिरिक्त अन्य सभी विद्यार्थियों को यह कविता पढ़नी चाहिए। उन्होंने भाषा की ताकत पर जोर देते हुए कहा कि कोई भाषा तब ताकतवर होती है जब उसमें जीवन यापन, रोजगार, सम्पर्क भाषा के रूप में एवं उसमें ज्ञान का उत्पादन हो रहा हो। जब तक ज्ञान नहीं उत्पादित होगा, भाषा हमेशा पीछे रह जायेगी। उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन के बाद विभिन्न अकादमियों की कोशिशों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि उन्होंने कितनी जद्दोजहद के बाद बहुत सारी पुस्तकें हिन्दी में प्रकाशित की ताकि विद्यार्थियों को सहूलियत हो।
उन्होंने कहा कि हिन्दी की लोकप्रियता में सिनेमा का बहुत बड़ा योगदान है। सिनेमा ने हिन्दी को अखिल भारतीय स्तर तक पहुंचा दिया है। आज दक्षिण भारत या पूर्वोत्तर भारत की कोई फिल्म हो, स्थानीय भाषा के साथ-साथ हिन्दी में भी एक साथ रिलीज किया जा रहा है। इससे हिन्दी अखिल भारतीय लोकप्रियता हासिल कर रही है।
महाविद्यालय के डॉ. मनोज कुमार दुबे ने बताया कि कार्यक्रम का संयोजन डॉ. आलोक मिश्रा, संचालन डॉ. अमरजीत राम तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अंकित पाठक ने किया। कार्यक्रम में आई.क्यू.ए.सी. की संयोजक डॉ. अनुजा सलूजा, डॉ. रचना सिंह, डॉ. कृपाकिंजलकम, डॉ. गायत्री सिंह तथा अन्य विभागों के सहायक आचार्य एवं शोधार्थी तथा छात्र-छात्रायें उपस्थित रहे।
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(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र