Jharkhand

आखिरकार पड़ोसी के प्रेम में महिला ने दो साल के बेटे और पति को त्यागा

प्रेमी -प्रेमिका
थाने से बेटे को लेकर घर लौटा मायूस पिता

थाने में लगी पंचायतए महिला ने प्रेमी संग ब्याह रचाने का लिया निर्णय

रामगढ़, 27 सितंबर (Udaipur Kiran) । जिले में पड़ोसी के प्रेम में एक महिला ने दो साल के बेटे और पति को त्याग दिया है। मालाा गोला थाना क्षेत्र के कोराम्बे गांव की है।

बताया गया है कि पहले तो विवाहिता निशा कुमारी दो साल के बेटे सूर्यांश को साथ लेकर प्रेमी पवन कुमार के संग 21 सितंबर को फरार हो गई। उसके पति संदीप कुमार महतो ने गोला थाने में गुमशुदगी की सूचना दर्ज कराई। चार दिनों के बाद 25 सितंबर को पुलिस ने जब उस महिला को बरामद किया तो उसने प्रेमी के संग रहने की बात स्वीकार की। साथ ही उसने यह भी कहा कि अब वह पति के घर नहीं जाएगी, चाहे उसे अपने बेटे का ही त्याग क्यों न करना पड़े। वह प्रेमी के संग ही शादी रचाकर जिंदगी बिताना चाहती है।

गोला थाने में गुरुवार को पूरे दिन पंचायत लगी रही। देर रात तक समझाने-बुझाने का दौरा चला। गांव तमाम लोग सुलह कराने में लगे थे लेकिन ना तो महिला मानी, ना ही उसका प्रेमी और ना ही महिला का पति। संदीप कुमार महतो ने कहा कि वह दो वर्षीय बेटे सूर्यांश को लेकर घर जाएगा। उसने कहा कि निशा ने ऐसी गलती पहले भी की है, जिसकी वजह से अब आगे की जिंदगी वह साथ नहीं गुजार पाएगा।

थाना परिसर में प्रेमी पवन कुमार और उसकी प्रेमिका निशा अकेले ही रह गए। उनके निर्णय के पक्ष में ना तो गांव वाले थे, ना ही उनके परिवार वाले। पवन के पिता सिकंदर महतो ने भी उसका त्याग कर दिया। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को साफ कहा कि पवन उनका अब बेटा नहीं रहा। उसे जो भी करना है यह उसका निर्णय है। वे किसी भी दस्तावेज पर ना तो साइन करेंगे और ना ही पवन और निशा को अपनाएंगे। निशा के ससुराल वालों ने भी उसे अपनाने से इनकार कर दिया। अब उन दोनों को अपनी अलग दुनिया ही बसानी पड़ेगी।

इस प्रकरण में गोला थाना प्रभारी अभिषेक प्रताप ने बताया कि पहले तो महिला की गुमशुदगी की सूचना मिली थी। बाद में पता चला कि वह प्रेमी के साथ चली गई है। बरामदगी के बाद भी प्रेमी और प्रेमिका एक साथ रहने की बात कर रहे थे। चूंकि, वह दोनों बालिग हैं और यह उनका अपना निर्णय था। परिवार वालों के बीच समझौते की कोशिश हुई लेकिन अंततः पवन और निशा ने शादी का फैसला किया। इसके बाद उन दोनों को थाने से छोड़ दिया गया।

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(Udaipur Kiran) / अमितेश प्रकाश

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