बाड़मेर, 26 सितंबर (Udaipur Kiran) । जिला कलेक्टर टीना डाबी ने गुरुवार दोपहर तीन टीमें बनाकर सरकारी डॉक्टरों के क्लिनिक में छापेमारी की। सरकारी अस्पताल के ड्यूटी टाइम में कई डॉक्टर उपस्थिति लगाकर अपने प्राइवेट क्लिनिक पर मरीज देख रहे थे। कलेक्टर और उनकी टीम ने दो डॉक्टरों को मौके पर ही पकड़ लिया।
यही नहीं, जिला अस्पताल के अटेंडेंस (उपस्थिति) रजिस्टर को भी जब्त कर लिया गया। कलेक्टर ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को कार्रवाई का निर्देश दिया है। साथ ही कलेक्टर ने सभी डॉक्टरों से अपील की है कि अपनी ड्यूटी सही से करें। हॉस्पिटल के समय में इधर-उधर नहीं हों। लंबे समय से प्रशासन को शिकायतें मिल रही थीं कि सरकारी डॉक्टर निर्धारित समय में हॉस्पिटल में मरीज नहीं देख रहे हैं। अपने क्लिनिक और घर पर मरीजों को देख रहे हैं। छापेमारी के दौरान कलेक्टर टीना डाबी नेहरू नगर इलाके में चल रहे सद्भावना क्लिनिक पहुंचीं। यह सरकारी डॉक्टर रमेश कटारिया का क्लिनिक है। उन्होंने अपने घर पर ही क्लिनिक खोल रखा है। उस समय वे क्लिनिक में मरीजों को देख रहे थे। कलेक्टर ने पीएमओ बीएल मंसूरिया को मोबाइल फोन पर कॉल करके पूछा तो डॉक्टर कटारिया की उपस्थिति बाड़मेर जिला अस्पताल के अटेंडेंस रजिस्टर में मिली।
दूसरी टीम एसडीएम वीरमाराम के नेतृत्व में जिला हॉस्पिटल परिसर पहुंची। जहां शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. महेंद्र चौधरी जिला हॉस्पिटल के परिसर में डॉक्टर्स के लिए बने सरकारी क्वार्टर में मरीजों को देख रहे थे। उनसे सवाल किया तो बोले कि मेरी ड्यूटी जेल में है। मैं जेल से यहां पहुंचा हूं। एसडीएम वीरमाराम ने पीएमओ बीएल मंसूरिया को फोन लगाकर पूछा कि डॉ. महेंद्र की जिला हॉस्पिटल के रजिस्टर में अटेंडेंस है या नहीं।
तीसरी टीम को लीड कर रहे एडीएम राजेंद्र सिंह चांदावत जिला हॉस्पिटल पहुंचे और वहां उन्होंने उपस्थिति रजिस्टर जब्त करने की कार्रवाई की। कलेक्टर ने पीएमओ को डॉक्टर महेंद्र चौधरी और रमेश कटारिया के खिलाफ जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर टीना डाबी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि शिकायतें मिल रही थीं कि डॉक्टर सरकारी हॉस्पिटल में सेवाएं न देकर अपने क्लिनिक पर मरीजों को देख रहे हैं। हमारी टीम ने नेहरू नगर और हॉस्पिटल परिसर में क्लिनिक को चेक किया। एक महेंद्र चौधरी हैं, उनकी ड्यूटी जेल डिस्पेंसरी में कार्यवाहक के रूप में लगाई गई है। वहां पर पेशेंट देखने के बाद क्लिनिक पर आकर देख रहे थे। मरीजों की संख्या भी बहुत ज्यादा थी। पीएमओ को जांच करवाने के निर्देश दिए हैं। एक डॉक्टर रमेश कटारिया हैं। हाजिरी रजिस्टर में इनकी ड्यूटी बोल रही है और खुद प्राइवेट हॉस्पिटल में मरीजों को देख रहे थे। इसकी जांच करने के निर्देश दिए हैं। जो गलत चीजें चल रही थीं। उनका डॉक्टरों और मेडिकल कर्मियों के लिए मैसेज यही है कि हमारी उन पर वॉच है। तय समय में उनको सेवाएं सरकारी हॉस्पिटल में देनी हैं।
डाबी ने बताया कि हमने हाजिरी रजिस्टर को पीएमओ चैंबर में चेक किया, तो कई डॉक्टर और मेडिकल कर्मियों के कॉलम खाली मिले। न उपस्थिति दर्ज थी और न ही अनुपस्थिति। इसको लेकर पीएमओ को जांच करवाकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। माह में चार छुट्टी ही मिलती हैं। इससे ज्यादा छुट्टी होगी तो उन पर भी कार्रवाई होगी।
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(Udaipur Kiran) / रोहित