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ब्रिटेन से लौटे न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव को सीएलपीए ने किया सम्मानित

सम्मान समारोह

–न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने 18 सितम्बर को ब्रिटिश संसद को बतौर मुख्य वक्ता किया था सम्बोधित

प्रयागराज, 26 सितम्बर (Udaipur Kiran) । ब्रिटिश संसद हाउस ऑफ लॉर्ड्स लंदन इंग्लैंड को बतौर मुख्य वक्ता सम्बोधित करने के बाद प्रयागराज लौटने पर गुरूवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव का भव्य स्वागत और अभिनंदन किया गया।

क्रिमिनल लॉ प्रैक्टिशनर एसोसिएशन की ओर से आयोजित सम्मान समारोह में न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव का पदाधिकारियों ने माल्यार्पण और पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया। न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव को ब्रिटेन सरकार ने ट्रेलब्लेजर ऑफ इंडिया पायनियरिंग द पाथ टू विकसित भारत 2047 विषय पर व्याख्यान देने के लिए 18 सितम्बर को आमंत्रित किया था। इस मौके पर न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव द्वारा ब्रिटिश संसद में दिए गए व्याख्यान को आमसभा में तमाम सदस्यों के बीच साझा भी किया गया।

न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने ब्रिटिश संसद में कहा था कि विदेशी ताकतों ने देश को कई बार लूटा, लेकिन संस्कृति और आदर्श के कारण आज भी भारत मजबूती से न सिर्फ खड़ा है अपितु आगे भी बढ़ा है। उन्होंने भगवान राम के आदर्श और श्रीकृष्ण के कर्मयोग संग गौतम बुद्ध गुरुनानक, महावीर और महात्मा गांधी की भी चर्चा अपने व्याख्यान में की है। उन्होंने संसद में विश्व के पटल पर भारतीय न्याय प्रणाली और सांस्कृतिक मूल्यों को भी रेखांकित किया है।

क्रिमिनल लॉ प्रैक्टिशनर एसोसिएशन के अध्यक्ष और हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता इंद्र कुमार चतुर्वेदी ने न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव का स्वागत करते हुए कहा कि ब्रिटिश संसद में न्यायमूर्ति द्वारा दिया गया व्याख्यान स्वागत योग्य है। सभा का संचालन सीएलपीए के महासचिव सुशील शुक्ला ने किया।

इस मौके पर कोषाध्यक्ष सत्य प्रकाश तिवारी, पूर्व अध्यक्ष सुनील सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता बृजेश सहाय, पीयूष दुबे, पूर्व वरिष्ठ उपाध्यक्ष राहुल श्रीपत, पंकज शुक्ला, वरिष्ठ अधिवक्ता मनीष तिवारी, ए के शुक्ला, के एन राहा, राजेश श्रीवास्तव, पूर्व महासचिव कमलेश कुमार द्विवेदी, सत्य धीर सिंह, जादौन पुलक गांगुली, कामेश्वर सिंह, आशुतोष तिवारी, संयुक्त सचिव प्रशासन रमेश चंद्र पांडेय, मनीष द्विवेदी समेत तमाम अधिवक्ता उपस्थित रहे।

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(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र

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