-15-29 के आयु वर्ग में बेरोजगारी में आई 4.4 फीसदी की कमी
-पीएलएफएस की रिपोर्ट में हुआ खुलासा
देहरादून, 26 सितंबर (Udaipur Kiran) । राज्य की धामी सरकार युवाओं को रोजगार देने के लिए लगातार कार्य कर रही है। पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे (पीएलएफएस) रिपोर्ट में भी उत्तराखंड ने राष्ट्रीय औसत को भी पछाड़ दिया है। बीते एक वर्ष में रोजगार के अवसर बढ़ने से बेरोजगारी घटी है। सभी आयु वर्गों पर नजर डालें तो इसकी दर 4.5 फीसदी से घटकर 4.3 प्रतिशत पर आ गई है। जबकि 15-29 वर्ष के आयु वर्ग में 14.2 से घटकर 9.8 प्रतिशत पर आ गई है।
सांख्यिकी मंत्रालय की ताजा पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे (आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण) की जुलाई, 2023 – जून, 2024 तक की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड ने श्रमिक जनसंख्या औसत में राष्ट्रीय औसत को भी पीछे छोड़ दिया है। उत्तराखंड में 15-29 के आयु वर्ग में यह औसत 49 प्रतिशत रहा है वहीं राष्ट्रीय औसत 46.5 प्रतिशत है। इसी प्रकार 15-59 के आयु वर्ग में उत्तराखंड का 64.4 तो राष्ट्रीय औसत 64.3 और 15 वर्ष और उससे अधिक वर्ष की श्रेणी में उत्तराखंड का 60.7 तो राष्ट्रीय औसत 60.1 रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार राज्य में वर्ष 2022-23 की तुलना में 2023-24 में सभी आयु वर्गों में श्रमिक जनसंख्या अनुपात में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। 15-29 वर्ष के आयु वर्ग में श्रमिक जनसंख्या अनुपात 27.5 फीसद से बढ़कर 44.2 फीसद हो गया है। यानी युवाओं को रोजगार के अधिक अवसर मिले हैं। इसी प्रकार 15-59 वर्ष के आयु वर्ग में श्रमिक जनसंख्या अनुपात अनुपात 57.2 प्रतिशत से बढ़कर 61.2 प्रतिशत पहुंच गया है। जबकि 15 साल और उससे ऊपर की श्रेणी के लिए यह 53.5 प्रतिशत से बढ़कर 58.1 फीसदी हो गया है। रिपोर्ट के अनुसार श्रम बल में भी वर्ष 2022-23 के मुकाबले में वर्ष 2023-24 में युवाओं की भागीदारी बढ़ी है। 15-29 वर्ष के आयु वर्ग में श्रम बल भागीदारी दर 43.7 से बढ़कर 49 प्रतिशत पहुंच गई है। इसी प्रकार 15-59 के आयु वर्ग में 60.1 प्रतिशत से बढकर 64.4 प्रतिशत और 15 वर्ष और उससे अधिक की श्रेणी में 56 प्रतिशत से बढ़कर 60.7 प्रतिशत पहुंच गई है।
इस संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड को देश के अग्रणी राज्यों के साथ खड़ा करना हमारा संकल्प है। देवतुल्य जनता के आशीर्वाद से हम इस संकल्प को पूरा करने लिए दिन-रात काम कर रहे हैं। हम रोजगार के अधिकाधिक अवसर सृजित कर रहे हैं। सरकारी क्षेत्र में ही 16 हजार से अधिक युवाओं को हमने नियुक्ति दी है। निजी क्षेत्र में भी यह सिलसिला शुरू हो चुका है। आने वाले वर्षों में निवेश के अधिकांश करारों के धरातल पर उतरने से लाखों युवाओं को रोजगार मिलेगा। उत्तराखंड युवाओं को सिर्फ रोजगार ही नहीं देगा, बल्कि उन्हें दूसरों को भी रोजगार देने वाला बनाएगा।
(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार