-बीटीआर को पूर्वोत्तर का ‘ पिग और पोर्क हब’ बनाने का मार्ग प्रशस्त
कोकराझार (असम), 26 सितंबर (Udaipur Kiran) । बोडोलैंड टेरिटोरियल रीजन (बीटीआर) में पशुपालन और पशु चिकित्सा क्षेत्र को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में बोडोलैंड पिग मिशन (बीपीएम) और असम कृषि विश्वविद्यालय (एएयू) के निदेशालय अनुसंधान (पशु चिकित्सा) ने आज गुवाहाटी के खानापाड़ा में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता ज्ञापन बीटीआर के किसानों को पशुओं की बीमारियों के लिए उन्नत नैदानिक सेवाएं प्रदान करने पर केंद्रित है, जिसका उद्देश्य क्षेत्र के पशु चिकित्सा ढांचे को सुदृढ़ करना और पशुओं के स्वास्थ्य में सुधार करना है।
समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर समारोह में बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल (बीटीसी) के सीईएम प्रमोद बोडो और असम कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. बिद्युत चंदन डेका सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति और प्रमुख हितधारक उपस्थित थे। इस पहल से बीपीएम द्वारा पहचाने गए 24 हजार से अधिक घरों को लाभ होने की उम्मीद है, जो सुअर पालन में लगे हुए हैं, क्योंकि उन्हें बीमारी की रोकथाम और प्रबंधन के लिए आधुनिक नैदानिक सेवाओं तक पहुंच प्रदान की जाएगी।
कार्यक्रम के दौरान बीटीआर प्रमुख ने ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने और पशुधन क्षेत्र की स्थिरता सुनिश्चित करने में सहयोग की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा, यह साझेदारी बीटीआर के सुअर पालन क्षेत्र को बदलने और हजारों किसानों की आजीविका को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
बीटीसी के प्रधान सचिव आकाश दीप ने भी इस पहल की क्षमता को बीटीआर की ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए दीर्घकालिक लाभ पैदा करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि यह सहयोग बीटीआर में एक मजबूत पशुधन अर्थव्यवस्था बनाने की व्यापक दृष्टि का हिस्सा है।
इस समारोह में पशुपालन और पशु चिकित्सा विभाग (एएचवीडी), बीटीसी के सचिव दितानंद हजारिका; कॉलेज ऑफ वेटरनरी साइंस, खानापाड़ा के डीन डॉ. बीएन सैकिया; एएचवीडी, बीटीसी के निदेशक डॉ. ज्योतिपद दास; एएचवी, बीटीसी के सलाहकार डॉ. भगत लाल दत्ता; ओएसडी (कृषि/पशु चिकित्सा), बीटीसी, पुष्पधर दास के साथ ही एएयू के वरिष्ठ वैज्ञानिकों, प्रोफेसरों और शोधकर्ताओं ने भी हिस्सा लिया।
(Udaipur Kiran) / किशोर मिश्रा