Uttrakhand

सामुहिक जीविकोपार्जन के लिए समूह मुख्य आधार हैः उमाशंकर

कर्णप्रयाग में आयोजित बैठक में बोलते हुए उमाशंकर बिष्ट।

गोपेश्वर, 26 सितम्बर (Udaipur Kiran) । चमोली जिले के कर्णप्रयाग में कर्णभूमि किसान उत्पादक स्वायत्त सहकारिता की साधारण सभा की बैठक में बोलते हुए हिमाद के सचिव उमाशंकर बिष्ट ने कहा कि पारस्परिक लाभ और सामूहिक जीविकोपार्जन के लिए समूह मुख्य आधार है। समूह की आवश्यता हमारे दैनिक जीवन से जुडी होती है। इसलिए समूह में कार्य करने वाले सदस्यों की क्षमता विकास होना नितान्त आवश्यक है।

गुरूवार को कर्णप्रयाग में आयोजित बैठक में उन्होंने किसान उत्पादक समूहों को स्थानीय कृषि उत्पादों के उत्पादन में बढावा देने के साथ ही पहाडी कृषि उत्पादनों के महत्व की जानकारी भी दी। उन्होंने कहा कि हिमोत्थान सोसायटी देहरादून टाटा टास्ट्र के माध्यम से ग्रामस्तर पर किसान उत्पादक समूहों के सदस्यों को स्थानीय संसाधनों पर आधारित स्वरोगार के उद्यमों को विकसित करने में डेरी फल प्रस्करकरण मुर्गी पालन, बागवानी, बकरी पालन, पषुपालन, कृशि उत्पादनों का संग्रहण, विपणन, मशरूम उत्पादन आदि व्यवसायों को बढाने के लिए तकनीकी सहयोग दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उघु उद्यमों को विकसित कर सहकारिता के माध्यम से ग्राम स्तर पर स्वरोगार के अवसर प्राप्त हो सकते हैं।

बैठक में कर्णभूमि किसान उत्पादक स्वायत्त सहकारिता की निर्वतमान अध्यक्षा बीना तिवारी ने साधारण सभा बैठक के उददेश्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वार्षिक बैठक के माध्यम से सहकारिता के कार्यो का आंकलन किया जाता है। साथ ही सहकारिता के द्वारा संचालित गतिविधियों की समीक्षा एंव मूल्याकन भी किया जाता है।

उन्होंने सहकारिता के वर्ष 2023-24 के वित्तीय लेखा जोखा, वार्षिक प्रगति आख्या, सदस्यो का विवरण, का विस्तृत ब्यौरा भी सदन में प्रस्तुत किया।

बैठक में सर्व सहमति से अध्यक्ष पद पर संगीता देवी, उपाध्यक्ष सुमन देवी, सचिव लीला देवी, सहसचिव अनीता देवी, कोषाध्यक्ष किरन नगवाल तथा सहकरिता के संचालक मण्डल के सदस्यों पर विनीता रावत, हेमा देवी, पार्वती देवी, शीला देवी, सुनीता देवी, चन्द्रकला देवी को निर्वाचित किया गया तथा बीना तिवारी को सहकारिता के संरक्षक पद पर मनोनित किया गया।

इस मौके पर हिमाद समिमि के आकाश नेगी, सोमन नेगी, काजल रावत, भागेश्वरी देवी,पार्वती देवी, इन्दु देवी, मीना मलेठा आदि मौजूद थे।

(Udaipur Kiran) / जगदीश पोखरियाल

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