जम्मू, 25 सितंबर (Udaipur Kiran) । केन्द्रीय मंत्री और जम्मू-कश्मीर भाजपा के प्रभारी किशन रेड्डी ने एक पत्रकार वार्ता को संबोधित किया। उन्होंने इस पत्रकार वार्ता के माध्यम से राहुल गांधी को खुली चर्चा की चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी देश के नेता प्रतिपक्ष होने के बावजूद पद की मर्यादा और गरिमा को तार-तार कर रहे हैं। किशन रेड्डी ने कहा कि राहुल गांधी बार-बार जम्मू-कश्मीर आकार यहाँ की जनता, यहाँ के पिछड़े समाज, यहाँ की संस्कृति, सभ्यता और यहाँ की भावनाओं का अपमान कर रहे हैं और वो लगातार अपने भाषणों में झूठ पे झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से राजा हरी सिंह जी के संदर्भ में राहुल गांधी कह रहे हैं कि हमने उनको भगाया, हमने उनको निकाला, वह भाग गए” ऐसे अपमानजनक शब्द नेता प्रतिपक्ष के मुहँ से बोलना समस्त जम्मू-कश्मीर और डोगरा समाज का अपमान है। किशन रेड्डी ने कहा कि राजा हरी सिंह जी का इतिहास उनको मालूम नहीं है, उनके चरित्र के बारे में राहुल गांधी को पता नहीं है। मैं उनको बताना चाहता हूँ कि आज भी जम्मू-कश्मीर के घर-घर में राजा हरी सिंह जी की फोटो लगी हुई है, यह उनके योगदान के प्रति लोगों में श्रद्धा है।
किशन रेड्डी ने कहा कि वो बार-बार अपने भाषणों में माननीय उपराज्यपाल को बाहरी बता रहे हैं। क्या उनको नहीं पता कि उपराज्यपाल किसी भी राज्य में उसी राज्य के नहीं होते हैं। इतनी लोकतांत्रिक समझ की उम्मीद तो देश के नेता प्रतिपक्ष से की ही जा सकती है। किशन रेड्डी ने जम्मू-कश्मीर के अभी तक के सभी 15 राज्यपाल और उपराज्यपालों के राज्य का नाम भी बताया। उन्होंने कहा कि 1965 में करण सिंह पहले स्थानीय राज्यपाल बने थे क्योंकि उस समय सदर-ए-रियासत के करण जम्मू-कश्मीर की स्थिति अलग थी।
रेड्डी ने कहा कि उपराज्यपाल को बाहरी कहना उनकी अलगाववादी सोच को दर्शाता है। अगर देखा जाए तो सोनिया गांधी तो दूसरे देश से है मगर उसके बाद भी वो भारत में कांग्रेस की 20 साल अध्यक्ष रही है, राज्यसभा और लोकसभा में सांसद रही है। उसे भी राहुल गांधी को बाहरी बोलना चाहिए।
रेड्डी ने कहा कि यह देश का दुर्भाग्य है कि नेता प्रतिपक्ष के रूप में हमें राहुल गांधी मिला। जो इस पद की भूमिका, मर्यादा और गरिमा का सम्मान करना नहीं जानते। उन्होंने कहा कि हमने देश में नेता प्रतिपक्ष के रूप में अटल बिहारी वाजपाई जी, गुलाब नबी आजाद जी, लाल कृष्ण आडवाणी जी और सुषमा स्वराज जी जैसे सुलझे हुए नेताओं को देखा है। इन नेताओं ने कभी भी भारत के प्रधनमंत्री या भारत के बारे में दुनिया के किसी भी मंच पर नकारात्मक और भारत विरोधी बात नहीं बोली। मगर आज का नेता प्रतिपक्ष देश में तो देश का विरोध करता ही है बल्कि दुनिया के देशों में जाकर भी भारत की सभ्यता, संस्कृति और सनातन की बुराई करता है।
उन्होंने कहा कि ये राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी की लगातार तीसरी बार हार का परिणाम है। उन्हें प्रधानमंत्री बनना है मगर उसके लिए भारत की जनता ने तो राहुल गांधी को तीन बात रिजेक्ट कर दिया। इसलिए वो अलग-अलग मंचों से देश को तोड़ने, भारत के संविधान को बदलने, धर्म-जातियों में समाज को बांटने और देश की न्याय पालिका, देश की सेना, देश की मीडिया, देश की एजेंसियां, चुनाव आयोग जैसे देश के सभी प्रमुख संस्थानों का विरोध कर रहे हैं और बाहरी शक्तियों के दम पर भारत को तोड़ने के हसीन सपने देख रहे हैं। मगर देश मोदी जी के मजबूत हाथों में हैं, जिनके साथ देश की 140 करोड़ जनता खड़ी हुई है। जो इनके इन नापाक सपनों को काभी भी पूरा नहीं होने देगी। किशन रेड्डी ने कहा कि राहुल गांधी और उनकी पार्टी जनता से झूठ बोलना बंद करें और यदि उनमें हिम्मत है तो जम्मू के राजा हरीसिंह पार्क में आएं, मैं उन्हें खुली चर्चा के लिए आमंत्रित करता हूँ। उन्होंने कहा कि मैं उनसे विकास पर बात करना चाहता हूँ, मोदी जी के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर में हर क्षेत्र में विकास हुआ है। चाहे वो शिक्षा हो, स्वास्थ्य हो, सुरक्षा हो, जम्मू-कश्मीर की शांति हो, बुनियादी ढांचा हो, टनल हों, रेलवे हो, सड़क या राजमार्ग हों, रोजगार हो, पर्यटन हो या फिर आयात-निर्यात हो सभी क्षेत्रों में अभूपुर्व विकास हुआ है।
उन्होंने कहा कि आज हर घर नल से जल मिल रहा है, गरीब को राशन मिल रहा है, गैस सिलेंडर मिल रहा है, आयुष्मान भारत के अंतर्गत इलाज फ्री मिल रहा है, पक्की छत मिली है, हर घर में इज्जत घर मिला है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने अपने 60 सालों में जम्मू कश्मीर के लोगों को खून-खराबा, आतंक, अलगाव, अशान्ति, पत्थरबाजी, गोलीबाजी, बम धमाका और युवाओं के हाथों में बंदूक दी थी। उन्होंने कहा कि विकास के नाम पर कांग्रेस पार्टी ने जम्मू-कश्मीर के साथ सिर्फ धोखा किया है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के साथ जो पाप राहुल गांधी की पीढ़ियों और कांग्रेस ने किया है उसे कभी भी माफ नहीं किया जा सकता है।
(Udaipur Kiran) / सुमन लता