Madhya Pradesh

मप्र में लघु वनोपज के संग्रहण के लिए बनाए गए 126 वन-धन विकास केन्द्र

भोपाल, 25 सितम्बर (Udaipur Kiran) । प्रदेश के विशेष रूप से कमजोर जनजातीय बहुल 20 जिलों में 126 वन-धन विकास केंद्र निर्मित किये जा चुके हैं। इन केन्द्रों में वर्तमान में करीब 37 हजार 800 से अधिक सदस्य पंजीकृत हैं। वन-धन विकास केन्द्रों के जरिये लघु वनोपजों का सतत् रूप से संग्रहण, प्राथमिक स्तर का प्र-संस्करण एवं विपणन तथा बाजार की मांग एवं उपलब्धता के आधार पर इन लघु वनोपजों का मूल्य संवर्धन किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि वनोपज संग्रहण का कार्य मुख्यत: प्रदेश में निवासरत जनजातीय समुदाय द्वारा ही किया जाता है।

जनसंपर्क अधिकारी घनश्याम सिरसाम ने बुधवार को बताया कि प्रदेश में प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान योजना (पीएम जन-मन) में विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (पीवीटीजी) के लिए कुल 198 वन-धन विकास केंद्र बनाये जाने हैं। इसके लिए प्रदेश के 24 पीवीटीजी बहुल जिलों में से 17 जिला लघु वनोपज यूनियन में अनूपपुर, अशोकनगर, उत्तर बालाघाट, दक्षिण बालाघाट, पूर्व छिंदवाडा, पश्चिम छिंदवाडा, दक्षिण छिंदवाड़ा, डिंडोरी, गुना, ग्वालियर, कटनी, पूर्व मंडला, पश्चिम मंडला, मुरैना, नरसिंहपुर, दक्षिण शहडोल, श्योपुर, सीधी, शिवपुरी, रायसेन एवं विदिशा को चिन्हित किया गया है। वर्तमान में इन जिलों से करीब 1 करोड़ 47 लाख 65 हजार रुपये की लागत से बनने वाले 221 (लक्ष्य 198 से भी अधिक) पीवीटीजी वन-धन विकास केंद्रों के निर्माण प्रस्ताव भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन एवं विकास संघ लिमिटेड (ट्राईफेड) नई दिल्ली एवं जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार को भेजे जा चुके हैं। इसमें से ट्राईफेड द्वारा 57 पीवीटीजी वन-धन विकास केंद्र इसी साल जनवरी में ही मंजूर कर दिये गये हैं।

क्या है योजना

वनोपजों के जरिये जनजातीय समुदायों की आय बढ़ाने और इन्हें वनोपज विक्रय के मुनाफे का अधिकतम लाभ दिलाने के लिये भारत सरकार ने वर्ष 2018-19 में प्रधानमंत्री वन-धन विकास योजना प्रारंभ की थी। इस योजना का क्रियान्वयन म.प्र. राज्य लघु वनोपज (व्यापार एवं विकास) सहकारी संघ मर्यादित द्वारा किया जा रहा है। प्रदेश में पीएम वन-धन विकास योजना का क्रियान्वयन सुचारु रूप से वर्ष 2020 से प्रारंभ हुआ।

(Udaipur Kiran) / उम्मेद सिंह रावत

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