Delhi

(अपडेट) सर्दियों में वायु प्रदूषण के खिलाफ सरकार तैयार

नई दिल्ली, 25 सितंबर (Udaipur Kiran) । पर्यावरण मंत्री मंत्री गोपाल राय ने बुधवार को 21 सूत्रीय विंटर एक्शन प्लान का एलान किया है। दिल्ली सरकार इसे सख्ती से लागू करेगी, ताकि ठंड के मौसम में दिल्लीवासियों को प्रदूषण की समस्या से बचाया जा सके। गोपाल राय ने बताया कि पिछले वर्षों में दिल्लीवासियों और संबंधित विभागों की मेहनत से प्रदूषण के स्तर में लगभग 34.6 फीसद की कमी आई है। इस बार भी दिल्ली प्रदूषण के खिलाफ इस जंग में पूरी तरह तैयार है। उन्होंने बताया कि विंटर एक्शन प्लान के तहत दिल्ली में हॉट स्पॉट के प्रदूषण की निगरानी पहली बार ड्रोन द्वारा की जाएगी।

प्रदूषण की निगरानी और उसे रोकने के लिए 6 सदस्यीय स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि आपातकालीन उपाय के रूप में ऑड-ईवन और कृत्रिम वर्षा को फोकस में रखा गया है। वर्क फ्रॉम होम को प्रोत्साहन दिया जाएगा। वहीं प्रदूषण बढ़ने पर सख्ती से ग्रैप (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) लागू किया जाएगा और केंद्र सरकार एवं पड़ोसी राज्यों के साथ मिलकर काम किया जाएगा। इस बार दिल्ली के 5,000 एकड़ से अधिक खेतों में बायो डी-कंपोजर का निःशुल्क छिड़काव किया जाएगा। निर्माण साइटों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी और वाहन प्रदूषण कम करने के साथ-साथ खुले में कचरा जलाने पर रोक लगाई जाएगी।

गोपाल राय ने कहा कि हमारी सरकार बनने के बाद दिल्लीवासियों, सरकारी विभागों, एजेंसियों और केंद्र सरकार के साथ मिलकर कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए, जिससे पिछले कुछ सालों में प्रदूषण के स्तर में काफी कमी आई है। दिल्ली सरकार के 10 ऐतिहासिक प्रयासों के कारण प्रदूषण के स्तर में 34.6 फीसद की कमी आई है। 2016 में जहां 243 दिन प्रदूषण के थे, वहीं 2023 में यह घटकर 159 दिन रह गए हैं।

आगे राय ने बताया कि 2013 में दिल्ली का हरित क्षेत्र 20 फीसद था, जो 2021 में बढ़कर 23.06 फीसद हो गया है। देश के बड़े शहरों में आज सबसे ज्यादा ग्रीन कवर दिल्ली में है। हमने दिल्लीवासियों से चुनाव के दौरान जो गारंटी दी थी, उसमें दिल्ली के पर्यावरण को सुधारने के लिए 5 साल में 2 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा था। अपनी सरकार के चौथे वर्ष में हमने यह लक्ष्य हासिल कर लिया है। इस साल 64 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। हमने ट्री ट्रांसप्लांटेशन पॉलिसी बनाई है, जिसके तहत बड़े पेड़ों को काटने की बजाय उन्हें एक जगह से दूसरी जगह ट्रांसप्लांट किया जा रहा है।

गोपाल राय ने कहा कि हमने दिल्ली के पब्लिक ट्रांसपोर्ट के बेड़े में हजारों नई बसें जोड़ी हैं। वर्तमान में दिल्ली में 7545 बसें चल रही हैं, जिनमें से 1975 इलेक्ट्रिक बसें हैं। 2020 में लॉन्च की गई इलेक्ट्रिक व्हीकल नीति अब दिल्ली में एक बड़ी पहल बन चुकी है। विश्व के अन्य शहरों की तुलना में दिल्ली में इलेक्ट्रिक व्हीकल की ओर लोगों का रुझान सबसे अधिक है। अब तक दिल्ली में 3,21,132 ई-वाहन पंजीकृत हो चुके हैं। हॉटस्पॉट क्षेत्रों में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए विशेष निगरानी की जा रही है। दिल्ली के दोनों तरफ बने पेरिफेरल एक्सप्रेसवे की वजह से दिल्ली में प्रवेश करने वाले गैर-निर्धारित वाहनों की संख्या में भारी कमी आई है।

इन 21 सूत्रीय विंटर एक्शन प्लान पर काम करेगी सरकार

– हॉट स्पॉट की ड्रोन से निगरानी

गोपाल राय ने बताया कि हमने दिल्ली में 13 हॉटस्पॉट चिन्हित किए हैं, जहां अधिक प्रदूषण होता है। पहली बार इन हॉट स्पॉट्स पर पर्यावरण विभाग द्वारा ड्रोन से प्रदूषण की निगरानी की जाएगी। ड्रोन के माध्यम से प्रदूषण के स्रोतों का पता लगाया जाएगा और उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी। इन सभी हॉटस्पॉट्स की सघन निगरानी ग्रीन वार रूम से की जाएगी।

स्पेशल टास्क फोर्स का गठन

दिल्ली में प्रदूषण की निगरानी और उसे नियंत्रित करने के लिए 6 सदस्यीय स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया गया है। इस टास्क फोर्स में पर्यावरण विभाग, परिवहन विभाग, राजस्व विभाग, पीडब्लूडी, एमसीडी, और ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों को शामिल किया गया है।

धूल प्रदूषण पर कंट्रोल

धूल प्रदूषण को कम करने के लिए 7 अक्टूबर से एंटी डस्ट कैंपेन चलाया जाएगा।

निर्माण स्थलों के लिए कार्य योजना

– 500 वर्गमीटर से अधिक वाले सभी निर्माण स्थलों को डस्ट कंट्रोल के वेब पोर्टल पर पंजीकरण कराना अनिवार्य किया गया है, जिसके माध्यम से सरकार इनकी निगरानी करेगी।

– 14 सूत्रीय डस्ट कंट्रोल नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए 523 टीमें बनाई गई हैं, जो नियमित रूप से इन साइटों का निरीक्षण करेंगी।

– सभी सरकारी और निजी निर्माण एजेंसियों को अपनी निर्माण साइटों पर काम करने वाले कर्मचारियों को साइट पर ही प्रशिक्षण देना अनिवार्य किया गया है।सड़क से संबंधित धूल प्रदूषण के लिए कार्य योजना

– 85 रोड स्वीपिंग मशीनों की तैनाती की जा रही है।

– 500 मशीनों का उपयोग पानी के छिड़काव के लिए किया जाएगा।

– हरित रत्न अवार्ड

गोपाल राय ने बताया कि जो निर्माण कार्य एजेंसी पर्यावरण नियमों का पालन करते हुए उत्कृष्ट कार्य करेगी, उसे ‘हरित रत्न अवार्ड’ से सम्मानित किया जाएगा। इसके साथ ही इस साल प्रदूषण के बढ़ने पर नवंबर महीने में एक शिफ्ट से बढ़ाकर 3 शिफ्ट में मोबाइल एंटी स्मॉग गन की तैनाती सड़कों पर की जाएगी। इसके लिए 200 मोबाइल एंटी स्मॉग गन लगाए जाएंगे। वहीं इस बार जन भागीदारी अभियान ‘मिलकर चलें-प्रदूषण से लड़ें थीम पर चलाया जाएगा। मुख्य जन भागीदारी अभियानों में शामिल हैं।

1- हरित कलश यात्रा

2- ई-व्हीकल परेड

3- एंटी पाल्यूशन मार्च

4- रेड लाईट आन-गाड़ी ऑफ

वाहन प्रदूषण का नियंत्रण

पीयूसी सर्टिफिकेट की जांच- वाहनों के पीयूसी सर्टिफिकेट की जांच एवं 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध के अनुपालन के लिए 360 टीमों का गठन किया गया है।

पराली के प्रदूषण की रोकथाम

गोपाल राय ने कहा कि पराली से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए पिछले 4 वर्षों से हमने दिल्ली के खेतों में पराली गलाने के लिए पूसा बायो-डीकंपोजर का मुफ्त में सफलतापूर्वक छिड़काव किया है, जिसका सकारात्मक प्रभाव रहा है। इस साल हम दिल्ली में 5000 एकड़ से अधिक बासमती और गैर-बासमती कृषि भूमि पर मुफ्त में पूसा बायो-डीकंपोजर का छिड़काव करेंगे।

ग्रीन वॉर रूम और ग्रीन दिल्ली एप

दिल्ली के विभिन्न पर्यावरण संकेतकों को 24 घंटे, हफ्ते के सातों दिन मॉनिटर करने के लिए 30 सितम्बर से ग्रीन वॉर रूम को और बेहतर रूप में शुरू किया जा रहा है। इसके लिए 8 सदस्यीय स्पेशल टीम तैनात की जा रही है। यह वॉर रूम सभी एजेंसियों द्वारा हर दिन की गई कार्रवाई की रिपोर्ट का विश्लेषण करेगी और अगले दिन की योजना बनाएगी।

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(Udaipur Kiran) / कुमार अश्वनी

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