धर्मशाला, 24 सितम्बर (Udaipur Kiran) । एडीएम कांगड़ा डा हरीश गज्जू ने कहा कि स्कूल सेफ्टी दायरा स्कूल के भवन के भीतर विद्यार्थियों को आपदाओं से सुरक्षित रखने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि ये बच्चों व युवाओं के सम्पूर्ण विकास और उनकी सुरक्षा से जुड़े जोखिमों को निरंतर कम करते रहने की एक सतत प्रक्रिया है।
मंगलवार को मिनी सचिवालय के सभागार में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सौजन्य से सुरक्षित बच्चे सुरक्षित स्कूल पर आधारित पांच दिवसीय कार्यशाला में बतौर मुख्यातिथि एडीएम डा हरीश गज्जू ने प्रतिभागी शिक्षकों का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि बच्चे इस देश का भविष्य हैं और इनके भविष्य को संवारने के लिए स्कूल सबसे महत्वपूर्ण इकाई है। हर प्रकार की आपदाओं से इन्हें सुरक्षित रखना हर शिक्षक का प्राथमिक दायित्व होना चाहिए।
डॉ गज्जू ने कहा कि कांगड़ा हिमाचल प्रदेश का प्रथम जिला है जो कि ‘व्यापक विद्यालय सुरक्षा रूपरेखा’ पर एक सुनियोजित रणनीति के साथ प्रशिक्षकों का पांच दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित कर रहा है। उन्होंने शिमला से आए राज्य-स्तरीय स्रोत व्यक्तियों ‘डूअर्स’ संस्था के पदाधिकारी नवनीत यादव, अनुराधा, सिन्धु व इतिशा का स्वागत करते हुए प्रशिक्षु शिक्षकों का आहवान किया कि जिले के स्कूलों को आपदाओं से सुरक्षित रखने में अपना भरपूर योगदान सुनिश्चित करें। इससे पहले मुख्यातिथि का स्वागत करते हुए भानु शर्मा ने बताया कि ‘व्यापक विद्यालय सुरक्षा रूपरेखा’के विभिन्न पहलुओं को समेटे हुए यह कार्यशाला संयुक्त राष्ट्र के आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्यालय द्वारा चलाये जा रहे अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों में कांगड़ा जिले का एक महत्वपूर्ण योगदान है और यह हिमाचल प्रदेश में विद्यालय सुरक्षा के बहुआयामी पहलुओं पर प्रशिक्षित शिक्षकों का एक कैडर तैयार करने की दिशा में पहला कदम है। इस कार्यशाला में जिले के हर विकास खण्ड से चुने गए कुल 62 शिक्षक भाग ले रहे हैं।
(Udaipur Kiran) / सतिंदर धलारिया